Wednesday 20 May 2015

अब दूध पे भी एम.एस.पी., आखिर सरकार किसान को बख्सेगी कि नहीं?

मुझे जानकर अचरच हुआ कि मॉडल-मॉडल चिल्ला के बोर कर देने वाले गुजरात और साथ लगते महाराष्ट्र में किसान से दूध की खरीद 14-16 रूपये प्रति लीटर में होती है, तो क्या ख़ाक मॉडल-स्टेट?

इससे अच्छा वो भी तीन गुना रेट तो उत्तरी भारत के हरयाणा-पंजाब-पश्चिमी से ले पूरे यू. पी. में मिलता है| यहां डेरी व् किसान के दरवाजे से दूध की सीधी खरीद 35 से 48 रूपये प्रति लीटर वैसे ही होती है, तो अगर यह 20 रूपये प्रति लीटर का एम. एस. पी. यह इधर भी ले आये तो इसका क्या मतलब?

यही कि किसान को लैंड बिल, फसलों के दामों, मुआवजों के बाद अब दूध के समर्थन मूल्यों पर भी सड़कों पर उतरना होगा? यार रुक जाओ तुम लोग भाजपा वालो, आखिर कहाँ तक जा के रुकोगे?

तुम लोग लग्जीरियस आइटम्स, एफ.एम.सी.जी. प्रोडक्ट्स के लिए क्यों नहीं एम.एस.पी. लाते, तब पता लगे तुम्हें असली न्यायकारी होने का|

किसी ने सच ही कहा है, बनिया हाकिम, ब्राह्मण शाह, जाट मुहाजिब, जुल्म खुदा| सीधे-सीधे डिक्लेअर करके किसान को बंधुआ मजदूर ही बना लो ना; कहाँ तो फसलों के भी एमएसपी खत्म कर, किसान को उसके मूल्य-निर्धारण के हक की बात होनी चाहिए थी और कहाँ अब दूध को भी एमएसपी के दायरे में लाया जा रहा है| यें मारेंगे किसान को बिन आई|

Source:
महाराष्ट्र : दूध के समर्थन मूल्य के लिए अध्यादेश की तैयारी
http://khabar.ndtv.com/video/show/news/maharashtra-govt-to-bring-ordinance-for-milk-prices-368086

Phool Malik

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