राज अपना, राज्य से ले केंद्र में सरकार अपनी पर फिर भी यह हो गया? मान लो अगर जयपुर में एक भी मंदिर काँग्रेस या किसी दूसरी पार्टी के राज में तोड़ा गया होता तो ये धर्म के ठेकेदार पूरे प्रदेश का माहौल खराब कर देते!
भक्तों बजाओ ताली! जयपुर में जितने मंदिर सरकार ने तोड़े (लगभग 350) उतने तो शायद औरंगजेब ने भी नहीं तोड़े होंगे। सबसे बड़ी बात धर्म के नाम पर लोगो को गुमराह करने वाले संघ, विहिप और शिव सेना जैसे संगठन इनको तोड़े जाने के दौरान चुस्के तक नहीं। सांप निकल जाने के बाद लकीर को पीटने की तर्ज पे लोगों का उल्लू बना शीशे में उतारने हेतु जाम-बंद की नौटंकी करके, काम खत्म मामला हजम।
क्या सेक्युलरवादियों को कोसने वाले अंधभक्त बताएँगे कि आखिर यह था क्या? आज के बाद सेक्युलरवाद को गाली-गलोच करने अथवा कोसने से पहले इस किस्से को कम से कम याद रखना।
अंत में यही कहूँगा कि तुम राम मंदिर बनाने के दावे तो छोड़ो, अपना राज और राजा होते हुए पहले जो हैं उनको तो बचा लो। कल ही हिन्दू महासभा ने विश्व हिन्दू परिषद पे इल्जाम लगाया कि राममंदिर के नाम पे एकत्रित पूरा 1400 करोड़ रुपया ढकार गई।
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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