Wednesday 22 July 2015

पूर्वोत्तर के बुद्धिजीवियों से अनुरोध है कि वो उनके यहां से बेटियों की खरीद-फरोख्त बंद करवाएं!


बंगाल-बिहार-उड़ीसा-असम के एंटी-हरयाणा मीडिया न्यूज़ एंकर्स, एडिटर्स, जर्नलिस्ट्स और ऑथर्स/लेखक, पूर्वोत्तर से हरयाणा में खरीद के लाई जा रही दुल्हनों पर हरयाणा को तो ऐसे कोसते हैं, जैसे सारा दोष इन्हीं का है|

अमां सरकार, जाओ जरा अपने वालों को बेचने से रोको| बोलते तो इतने चौड़े हो के कि जैसे हरयाणा में इनके खरीद के लाने से पहले तो सारी वहीँ की वहीँ ब्याह दी जाती थी| शुक्र मनाओ हरयाणा वालों का कि चाहे कुछ प्रतिशत में ही सही परन्तु हरयाणा आ के किसी के घर की इज्जत और मालकिन तो बनती हैं, वरना बेचारी पता नहीं कहाँ कलकत्ता-हैदराबाद-मुंबई-दुबई के देह-बाजारों में बेचीं जाती थी, पहली बात|

दूसरी बात इतना ज्यादा बढ़िया सेक्स-रेश्यो भी नहीं है आपके एरिया का कि वहाँ लड़कियों का इतना एक्स्ट्रा स्टॉक है कि जो वहाँ के लड़कों के लिए भी पूरी पड़ रही हैं और फिर एक्स्ट्रा हरयाणा को दिए जा रहे हो? रोको इस लड़कियों की खरीददारी को और कहो अपने लोगों को कि हरयाणवी को बेटी देनी है तो बाकयदा ब्याह करके देवें, बेचें नहीं| और वैसे भी अधिकतर हरयाणवी तो ब्याह के ले जाने को तैयार हैं, परन्तु आप अपनी बेटियों को बेचने की परम्परा के तहत इनका सौदा करके भेजना बंद करो, यह घरों की बहुएं बन के जा रही हैं, किसी देह-व्यापार की मंडी में नहीं|

असल इसको समूल ही बंद करवा दो, वरना कल को जब यह अधिकतर हरयाणा आ जाएँगी तो फिर यही समस्या आपके उधर आएगी|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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