जो कानूनी अथवा सवैंधानिक व्यवस्था आतंकवाद के पनपने की वजहों जैसे कि अशिक्षा, बेरोजगारी, भाषावाद, क्षेत्रवाद, भ्रष्टाचार, आर्थिक व् कानूनी अनियमितता, धार्मिक व् जाति आधारित द्वेष, सामाजिक ऊँच-नीचता, छूत-अछूत को खत्म नहीं कर सकती उसको किसी को फांसी पे लटकाने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। फिर इसमें फांसी पे लटकाये जाने वाला हिन्दू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, ईसाई हो अथवा किसी भी धर्म-जाति का क्यों ना हो।
विशेष: किसी धर्म-विशेष के व्यक्ति को कानून द्वारा फांसी दिए जाने से जोड़ अपने लिए ललित निबंध बाचने का अवसर देख, इस पोस्ट के विरुद्ध अपनी प्रतिक्रिया रखने से पहले, इस पोस्ट का सही परिपेक्ष्य बना लेवें, क्योंकि प्रतिउत्तर आपकी अपेक्षानुसार ही होगा।
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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