छोटी-गिरडी व् बड्डी-गिरडी - गिरडी, खेतों में ढीम-डळे फोड़ने के काम आने वाला पत्थर का बना रोलर होता है|
अपने कल्चर के मूल्यांकन का अधिकार दूसरों को मत लेने दो अर्थात अपने आईडिया, अपनी सभ्यता और अपने कल्चर के खसम बनो, जमाई नहीं!
Friday, 29 October 2021
कोल्हू धोक-ज्योत (बड्डी गिरडी) व् गंडा (गन्ना) पाड़ दिवस - कात्यक मास की मौस (अमावस)!
ऋषि दयानन्द की पुण्यतिथि पर विशेष!
अक्सर जाट से जलते-बलते-एंटी लोग कहते-बिगोते-रोते हैं कि जाट को मान-सम्मान नहीं करना आता|
Sunday, 24 October 2021
अब फंडी की नजर जमीन बाबत जमींदारों की लड़ाई लगवाने की भी है दलित-ओबीसी के साथ, कितने तैयार हो इससे बचने हेतु!
या तो दलित-ओबीसी व् अपने बीच से फंडी को निकालो; या फंडी द्वारा तुम्हारे पर करवाया जा रहा दलित-ओबीसी बनाम तुम झेलते जाओ!
या तो दलित-ओबीसी के ऊपर छूत-अछूत, स्वर्ण-शूद्र, वर्ण की ऊंच-नीचता के नाम पर फंडी द्वारा किये जा रहे जुल्मों-भेदभावों को गाम गेल उठा के इनको फंडियों के जुल्मों से छुटकारा दिलवाओ, नहीं तो यह फंडी तुमसे पहले, तुम्हारे दलित-ओबीसी के साथ झगड़े लगवा तुम्हें यूं ही isolate राखेँगे| चॉइस थारी, थम इनको isolate कर दो या खुद को isolate करवाए रखो इनसे|
Friday, 22 October 2021
सावधान: फंडी अपनी अनैतिक नीचता पर फिर से उत्तर रहा है!
किसान आंदोलन को कुचलने-दबाने-बिखेरने के मोदी-शाह से ले, बीजेपी-आरएसएस, बिग फिश-कॉर्पोरेट और सबसे बड़े कोर्ट तक में मुंह की खा चुके फंडी, घायल हुए बावले कुत्ते की तरह अपने शिकार पर निकल चुके हैं| व् अब इन्होनें जरिया बनाया है इस आंदोलन की अग्रणी कौम के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के एक्टिविस्टों को एक्टिव करके किसान-मजदूर के बीच आई मधुरता को तोड़ने का|
Thursday, 21 October 2021
35 बनाम 1 क्यों झेलना पड़ रहा है जाट समाज को!
इस पोस्ट का उद्देश्य: दलित-ओबीसी व् जाट को उन पहलुओं पर विचार करने को केंद्रित करना, जिसकी वजह से उनके बीच फंडी बेहोई दखलंदाजी किये हुए है|
Wednesday, 20 October 2021
खापलैंड की उदारवादी जमींदारी की एथिकल कैपिटलिज्म के "सीरी-साझी वर्क कल्चर" का "बार्टर इकोनॉमिक सिस्टम" मॉडल!
कभी सोचा है कि एक नाई, बाह्मण, लुहार, कुम्हार, खाती, छिम्बी आदि को उदारवादी जमींदारों के खेतों से जो 'एक गठड़ी तूड़ी' या 'एक मण या दो धड़ी अनाज' किस पैमाने के आधार पर मिला करता था या बहुतेरी जगहों पर आज भी लाते हैं?
Saturday, 16 October 2021
किसान आंदोलन में धर्म क्यों है?
सबसे पहले: दलित सिख निहंग ने ही दलित सिख निहंग को मारा है गुरु की बेअदबी पर; सबसे पहले तो यही बात बता दो कुछ जातिवादी-जीवियों को|
Tuesday, 12 October 2021
वर्णवाद की थ्योरी कर्म आधार व् जन्म आधार दोनों पर ही फिट नहीं!
जन्म आधारित सही होती तो इसमें जन्मा कोई भी उच्च वर्ण वाला तथाकथित स्वर्ण दिहाड़ी-मजदूरी-रेहड़ी-रिक्शा पुल्लिंग आदि नहीं कर रहा होता और ना ही नीच कहे जाने वाला तथाकथित शूद्र वर्ण से कोई प्रोफेसर बनने का टैलेंट ले पैदा नहीं हो पाता|
किसान आंदोलन की अहिंसक शक्ति के आगे डगमगाते फंडी!
कर्मचारी अपने परिवार पर नजर रखेगा कि कोई उसका सदस्य सरकार-विरोधी गतिविधियों (देश-विरोधी तो सुना था, अब यह सरकार विरोधी कौनसे सविंधान, कौनसे कानून के तहत लाए हैं?) में भाग ना लें, जबकि दूसरी तरफ आरएसएस के कार्यक्रमों में भाग लेने की कर्मचारी को इजादत होगी|
Saturday, 9 October 2021
भक्तो तुम समझे नहीं, आओ तुम्हें माइथोलॉजी की भाषा (जो तुम्हें सबसे ज्यादा समझ आती है) में समझाता हूँ कि दिल्ली के बॉर्डर्स पर खालिस्तानी या आतंकी नहीं अपितु खुद शिवजी भोळा तीसरी आँख खोले बैठा है!
माइथोलॉजी के अनुसार जब ब्रह्मा-विष्णु से सृष्टि सम्भलनी बस से बाहर की हो जाती है तो शिवजी उतरते हैं मैदान में| और पिछले दस महीने से किसान (तुम्हारे ही अनुसार शिवजी की जटाओं से निकले हुए) रुपी शिवजी तीसरी आँख खोले तुम्हें चेता रहा है, तुम्हें समझा रहा है| समझ जाओ, क्यों तांडव करवाओ हो|
पुरखा या बाप बदलना कोई गुड्डे-गुड़ियों का खेल है क्या?:
Khapratey (खापरते)!
(Literary Concerts of Khap-Kheda-Khet Kinship)
Thursday, 7 October 2021
जैसे तुम्हारे पुरखे 1875 में थे, वैसे बन जाओ; अगर किसान आंदोलन का सुगम व् जल्द हल चाहो!
यह तुम्हें "जाट जी", "जाट देवता", "किसान राजाओं का राजा होता है" तभी तक लिखेंगे जब इनको लगेगा कि तुम तुम्हारे सन 1870-1875-1880 वाले जमानों वाले पुरखों की भांति स्वछंद हो, निर्भीक हो, पाखंड-मुक्त हो, मूर्ती-पूजा रहित हो| जब-जब इसके विपरीत अवस्था होगी, यह तुम्हारी यही दशा करेंगे, तुमको यही ट्रीटमेंट देंगे| जितना जल्दी समझ जाओ, उतना बेहतर|
Sunday, 3 October 2021
स्वघोषित "कंधे से ऊपर मजबूतों" की मजबूती तोड़ता किसान आंदोलन!
मनोहर लाल खट्टर का 2015 का गोहाणा में दिया वह ब्यान तो याद होगा ही आपको जिसमें महाशय ने तंज कसा था कि, "हरयाणवी कंधे से नीचे मजबूत व् ऊपर कमजोर होता है"| इसका साफ़ संदेश था कि हरयाणवी लठैत होते हैं, झगड़ालू होते हैं|
Saturday, 2 October 2021
लाल डोरे व् फिरणी के अंदर की सारी सार्वजनिक इमारतों व् जमीनों को गाम/ठोले का साझा ट्रस्ट/सोसाइटी बना के ग्राम-सभा की पंचायत के जरिए उसको वक्त रहते गाम/ठोले के नाम कर लीजिए!
अन्यथा यह सरकार जो नया भूमि-अधिग्रहण कानून व् लाल-डोरे के अंदर प्रॉपर्टी की पैमाइश का सगूफा लाई है इसके तहत और तो छोडो आपके गाम की 100% आपके पुरखों व् आपकी मेहनत-पैसे से आपकी जमीनों पर बनी परस/चौपाल/चुपाड़/थयाई तक को सरकारी खाते चढ़ाने वाली है| और अगर यह इमारतें गाम की सरकार यानि आप लोगों के कण्ट्रोल से निकल सरकारों के हाथों चली गई तो इनमें पंचायत करने, यहाँ तक कि बारात ठहराने को परमिशन हेतु BDO दफ्तरों, पंचायत सेक्रेटरियों के चक्कर काटने पड़ा करेंगे|