Friday 24 July 2015

आर.एस.एस. जाटों पर पुस्तक कब निकालेगी?


क्या कोई आरएसएस का मेंबर जाट भाई मुझे बता सकता है इस सवाल का जवाब?

विगत 2014 के नवंबर महीने में आरएसएस ने ‘हिन्दू चर्मकार जाति’, ‘हिन्दू खटीक जाति’ और ‘हिन्दू वाल्मीकि जाति’ शीर्षक से इन तीन जातियों पर किताबें निकाली, जो कि अच्छी बात है| और हो सकता है और भी जातियों पर निकाली होंगी, वो भी अच्छी बात है|

प्रवीण तोगड़िया से ले के अमितशाह तक जाटों की प्रशंसा करते हैं| एक तो यह तक कहता है कि 'जब जाट की ही बेटी सुरक्षित नहीं तो फिर किसी भी हिन्दू की बेटी सुरक्षित नहीं!' इसका मतलब या तो आरएसएस जाटों को वाकई में बहुत ही बहादुर मानती है या फिर बहुत ही फद्दु?

बहादुर इसलिए कि जाट की इस स्तर तक की प्रशंसा करती है कि जाट को हिन्दू धर्म की सबसे बहादुर जाति बता दिया कि अगर जाट की बेटी सुरक्षित नहीं तो किसी की भी नहीं, यहां तक कि इनके अनुसार ट्रेडिसनली बहादुर जाति का भी जिक्र नहीं किया यह अतिश्योक्ति पेश करते हुए|

और फद्दु इसलिए कि इसी सबसे बहादुर कौम के नाम पर आज तक एक पुस्तक तो क्या मैंने आरएसएस की तरफ से जाट की ऐतिहासिक-साहसिक पृष्ठभूमि को ले के इनकी तरफ से एक ढंग का लेख देखने को नहीं मिला, ढंग का भी इसलिए बोला कि शायद कहीं कोई छोटा-मोटा जिक्र कभी किया हो? वर्ना तो मिलता ही नहीं है|

और बाकी जातियों पे किताबें निकाल के आरएसएस अब यह भी नहीं कह सकती कि उनके यहां जाति-पाति पे जिक्र नहीं होता या वो इससे रहित हैं| रहित हैं तो फिर यह जाति-विशेष पे किताबें किसलिए? आरएसएस का मकसद तो जाति और वर्ण को खत्म करना है ना, तो फिर यह जातिगत किताबें निकालना और उनके ऐतिहासिक-सामाजिक रोल को अपने लेखकों के शब्दों में बंद करवा सिमित करवा परिभाषित करवाना, यह क्यों हो रहा है?

और इसपे अंधभक्ति का ताज्जुब तो यह है कि कोई आरएसएस का जाट इन पहलुओं को ना उठाते सुना, ना बतियाते| अरे जब आरएसएस बाकी जातियों पे किताबें निकाल के उनके ऐतिहासिक-सामाजिक योगदान व् स्थान का लेख-जोखा रूप में प्रशस्ती पत्र टाइप किताबें निकाल रही है तो फिर जाट पर क्यों नहीं?

आखिर पता तो लगे कि आरएसएस की विचारधारा में जाट का भारतीय समाज में क्या ऐतिहासिक-सामाजिक योगदान व् स्थान है? हो सकता है इससे मेरे जैसे जाट को भी आरएसएस को ज्वाइन करने की प्रेरणा मिल जाए!

तो क्या इतना मूल (बेसिक) से सवाल का जवाब दे पाएंगे मेरे आरएसएस के जाट बंधू, कि आखिर ऐसा क्यों नहीं हुआ अभी तक?

सोर्स: http://muslimmirror.com/eng/doctoring-history-for-political-goals-origin-of-caste-system-in-india/

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

No comments: