Sunday 19 January 2020

जिंद की सर्वजाट सर्वखाप महापंचायत में सबकुछ नकली भी नहीं था!


जो पंचायती व खाप वाले वहाँ थे उनमें से खासकर खाप वाले, पिछले 4 साल लगातार केसवार युवाओं के साथ खड़े थे| हर 10-15 दिन बाद पंचकूला CBI कोर्ट में जो तारीख लगती थी उनके आने जाने के लिए भाड़ा किराया, बस की व्यवस्था तक इन खाप वालों ने ही कर रखी थी| तारीख भुगतने जाने पर खाने की व्यवस्था भी खाप वाले ही करते थे| एक-एक पीड़ित युवक घर को 30 लाख से ले 60 लाख रूपये तक की आर्थिक मदद जुटवाने वाले खाप चौधरी ही रहे हैं| इस कलेक्शन का ऑडिट करवा कर, इंटरनेट पर पब्लिक में डालने वाला मैं खुद हूँ| मई 2017 तक लगभग 12 करोड़ 90 लाख की मदद का पूरा ब्यौरा खापलैंड की वेबसाइट के इस लिंक से देखें - http://www.khapland.in/khaplogy/jsrkt-donation-report/ |

और यह कदम मैंने, सुरेश देशवाल जी व् कई अन्यों ने तब उठाया था जब ठगपाल हर दूसरे-तीसरे दिन खुद समाज से उगाहे चंदे का हिसाब देने की बजाये लेता और तब-जब खापों के चंदे के हिसाब पर ऊँगली उठा देता या अपनी गैंग से उठवाता था| मखा, सब कुछ ऊट जागी पर दीखते-दिखाते ईमानदार व् समाज को निश्छलता से समर्पित चौधरियों पर ऊँगली नहीं उटेगी| आजतक ठगपाल के हिसाब की ऐसी रिपोर्ट आनी बाकी है जैसे खापों ने दी पाई-पाई की|

सरकार ने तो धेला तक नहीं दिया या दिया तो "ऊँट के मुंह में जीरे समान" उधर, ठगपाल कालिख इन बच्चों के नाम पर समाज से मिला सारा पैसा हड़प संस्थान बना गया| ऐसा संस्थान जिसमें बलिदान हुए बच्चों के परिवारों के नाम 1% भी शेयर नहीं शायद| सबसे पहला निशाना तो इसको बनाओ| यह वही ठगपाल है जिससे एक जना बिना अपनों से विचार-विमर्श के दिशा-निर्देश लेता हुआ पाया गया था प्रकाश कमेटी की ऑडियो रिपोर्ट्स में| दो बंदों से भी बात करके काम करता तो सुझाव यही आता कि यही तो तुम्हारे संगठन को मिटाने के लिए उतारा गया है और तुम इसी से दिशा-निर्देश लेने चले हो? बाद में हुआ ना साबित, फंसा के उस भाई को खुद हुआ फरार, झाड़ गया पल्ला|

हाँ, दूसरा निशाना जिंद वाली महापंचायत के सिर्फ वह पंचायती हो सकते हैं जो पूरे समाज को दोषी घोषित कर जुरमाना लगाने चले थे| शुक्र है कि बाद में यह प्रस्ताव रद्द कर दिया गया, अन्यथा सारे मीडिया ने जाट समाज की ऐसी भद्द पीट देनी थी कि संगवानी भारी हो जाती| पता लगा किसी को कि कौन महारथी था जिसने ऐसा विचार दिया था पंचायत में और किसके दिमाग से दिया था?

इसके अलावा एक नंबर का काम हुआ है जिंद महापंचायत में| 72 परिवारों को राहत मिली, कैप्टेन साहब की आगे की राजनीति का स्कोप|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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