Friday, 24 July 2015

ऐसे होती है अपनी अथवा अपनी प्रिय क़ौम की ब्रांड मैनेजमेंट, डैमेज कंट्रोल और सेफ्टी!

मामला है दो दिन पहले 'ममता अग्रवाल' द्वारा जमीन-विवाद के चलते दो महिलाओं पर ट्रेक्टर चढ़ा देने पर एनडीटीवी के इन एंकर महानुभाव की रिपोर्टिंग के तरीके का। रिपोर्टिंग का वीडियो नीचे सलंगित है|

निसंदेह मीडिया में बैठे इस एंकर और इसकी मति वाले मीडिया के लोग आज भी मनुवादी तरीके से समाज को चलाना चाहते हैं; तभी तो इस औरत की जाति बता के बात करनी तो दूर इसका उपनाम तक नहीं बोला। साफ़ है कि यह दबंगई करने वाली औरत बनिया जाति के अग्रवाल उपनाम की है।

मुझे यही जज्बा अपनी कौम में चाहिए कि अपना जब अपराध करे तो उसका उपनाम-जाति छुपाया या छुपाएँ तो कुछ बुरा नहीं। ध्यान रहे मैंने उपनाम-जाति छुपाया या छुपाएँ की कही है अपराधी के अपराध को छुपाने की नहीं।

होती अगर यह औरत जाट जैसे किसी समाज की तो मुझे कहने की जरूरत नहीं कि जो इस हादसे में घायल हुई औरतें हैं उनका भी जातिय कनेक्शन निकाला जाता और खुदा-ना-खास्ता घायल होने वाली औरतें दलित निकल आती तो ओ हो मेरे भगवान क्या रुदन मचा देना था इन लोगों ने इसको जाट बनाम दलित का मामला बना के।

और अब देखना दिलचस्प है कि जो हमलावर थी उसका तो जाति और उपनाम छुपाया ही गया साथ ही जो घायल हुई उनकी जाति भी बाहर नहीं आ पाई। यहां तक कि जब इंस्पेक्टर 'ममता' बोल रहा है तो उसके आगे 'अग्रवाल' ना बोलने को या तो उसको कहा गया होगा या बोला होगा तो उसको मीडिया हाउस ने एडिट कर दिया होगा।

जरा देखें इस मामले की रिपोर्टिंग और इससे पहले हुए ऐसे ही नागौर राजस्थान वाले मामले में इनकी रिपोर्टिंग।

वेल मैं इनसे गुस्सा या खफा नहीं अपितु सीख ले रहा हूँ कि इतना विपरीत मामला होते हुए अपनी अथवा अपनी प्रिय क़ौम की ब्रांड मैनेजमेंट, डैमेज कंट्रोल और सेफ्टी कैसे की जाती है। सीखें आप भी| जाट, ओबीसी और दलित एंकर पता नहीं कितना सीख पाये हैं इनसे।

वैसे आदर्श रिपोर्टिंग की यही भावना और एथिक्स होनी चाहिए कि अपराधी को सिर्फ अपराधी के तौर पर दिखावें, उसमें उसके उपनाम अथवा जाति को ना घसीटें, परन्तु क्या यह महानुभाव ऐसी ही रिपोर्टिंग तब भी करते अगर यह मामला किसी जाट और दलित के बीच हो गया होता तो? शायद बिलकुल नहीं। इन जनाब को तो कई बार मैंने ही ऐसे मामलों में उपनाम और जाति से ले क्षेत्र तक को घसीटते देखा है, यहां तक कि अपराधी की जाति की मानसिकता तक का दावे के साथ पूरा पोस्टमॉर्टेम करते देखा है।

सोर्स 1: http://khabar.ndtv.com/video/show/news/bijnore-lady-don-now-in-jail-376193
सोर्स 2: http://thelogicalindian.com/news/watch-up-woman-runs-girl-over-with-her-tractor-in-a-land-dispute/

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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