Sunday 6 September 2015

दिल्ली के "अशोका रोड" का नाम और "सारनाथ से लिया राष्ट्रीय चिन्ह" आदि भी बदलने वाले हैं क्या?


हिन्दू धर्म की वाट लगाने की कहो या 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर' मूवी वाले स्टाइल में 'कह के लूंगा' स्टाइल में सबसे ज्यादा किसी ने ली तो वो थे महात्मा बुद्ध और सम्राट अशोक।

औरंगजेब ने तो फिर भी सिर्फ वही मंदिर-मस्जिद तोड़े जहां धर्म-विरोधी कुकृत्य होते थे, परन्तु महात्मा बुद्ध के चलाये धर्म ने तो पूरा हिन्दू धर्म ही निगल लिया था और इस काम को प्रचार के माध्यम से अंजाम देने वाले थे सम्राट अशोक।

परन्तु जहां बुद्ध को हिन्दू धर्म का ना होते हुए भी, हिन्दू धर्म को छिन्नभिन्न-खण्डखण्ड करने वाला होने पर भी वही लोग जो औरंगजेब के नाम से रोड का नाम बदल रहे हैं, बुद्ध को हिन्दू धर्म का नौवाँ अवतार भी बोलते हैं और लिखते भी हैं। और सम्राट अशोक को तो भारत का सबसे महानतम सम्राट बताते आये ही हैं।

मैं अक्सर इसीलिए तो कहा करता हूँ कि या तो मुझे बुद्ध की उपासना करने दो या फिर बुद्ध को हिन्दू शास्त्रों में हिन्दू धर्म का नौवाँ अवतार लिखना-कहना छोड़ दो।

On one another current shock:

दिवंगत एम. एम. कलबुर्गी जैसे विचारक को अपने विचार व्यक्त करने की आज़ादी से ना सिर्फ रोकना अपितु उनकी हत्या कर देना, ठीक वैसे ही है जैसे मलाला यूसफज़ई को पढ़ने जाने से रोक के हेतु जान से मारने की कोशिश करना। भारत में जिस भी विचारधारा या लोगों ने यह किया है वो तालिबान और ISIS का भारतीय रूप हैं।

ऐसे पागल जानवरों की जगह या तो जेल है या फिर पागलखाना।

जय योद्धेय! - फूल मलिक

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