Monday 18 July 2016

कृपया "यौद्धेय" शब्द और "यूनियनिस्ट" शब्द को सिर्फ जाट तक ना जोड़ें!

क्योंकि "यौद्धेय" शब्द की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में सर्वखाप के हर धर्म और जाति के सूरमा-हुतात्मा-पुरोधा आते हैं| इनमें क्या जाट क्या दलित, क्या गुज्जर क्या ओबीसी, क्या मुस्लिम क्या सिख हर वो पुरोधा "यौद्धेय" जाना गया जो सर्वखाप के बैनर तले युद्ध लड़ा|

और क्योंकि सर छोटूराम जी की "यूनियनिस्ट पार्टी" का भी धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत था, इसीलिए आज के "यूनियनिस्ट मिशन" की बुनियाद को "यौद्धेय" और "यूनियनिस्ट" शब्द ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दोनों स्तर पर बड़े गहरे जा के जोड़ते हैं| इन शब्दों का आईडिया बड़ी गहरी और महान गौरवशाली प्रेरणा और उद्देश्य वाला है| एक उस परम्परा को आगे बढ़ाने वाला है जो भारत तो क्या शायद विश्व इतिहास में भी इतनी मानवता, परोपकारिता लिए हुए हो| हम हर धर्म और जातियों में हर उस जाति को जोड़ के चल रहे हैं जो मानव को रंग-नश्ल-भेद-ऊंच-नीच में नहीं बांटती है; नेकी का खाती है किसी के आर्थिक हित नहीं मारती|

सर्वखाप के बैनर व् छत्रछाया तले हुए विभिन्न जाति-समुदाय-धर्म-पंथ के सूरमाओं में से कुछेक की सूची:
1) समरवीर प्रथम हिन्दू धर्म-रक्षक अमर ज्योति गॉड गोकुला जी महाराज
2) सर्वखाप योद्धेय दादावीर शाहमल तोमर जी महाराज
3) दुःसाहसी खाप-यौद्धेय दादा भूरा सिंह जी व् दादा निंघाहिया सिंह जी
4) सर्वखाप योद्धेया विलक्षण वीरांगना दादीराणी भागीरथी देवी जी महाराणी
5) उच्च स्वाभिमानी संस्कृति-रक्षिका निडर खापबाला दादीराणी समाकौर गठवाला जी
6) सर्वखाप योद्धेया दादीराणी रामप्यारी जी
7) हिन्दू धर्मरक्षिका अमर बलिदानी बृजबाला दादीराणी भंवरकौर जी
8) सर्वखाप सेनापति महाबली दादावीर जोगराज पंवार जी महाराज
9) दादावीर हरवीर सिंह गुलिया जी महाराज
10) दादावीर धूला भंगी जी महाराज
11) दुर्दांत-दुःसाहसी योद्धेय दादावीर जाटवान गठवाला जी महाराज
12) खाप-दार्शनिक चौधरी दादा कबूल सिंह जी
13) 1857 की लड़ाई में सर्वखाप के उप-सेनापति साईं फकरूद्दीन जी अजीज
14) राय बहादुर चौधरी दादा घासीराम जी मलिक
15) दूरदर्शी अमर-हुतात्मा बाबा महेंद्र सिंह टिकैत
16) दादीराणी वीरांगना हरशरणकौर जी
17) बीबी साहिब कौर जाटनी
18) दादीराणी बिशनदेवी बाल्मीकि
19) दादीराणी सोमा देवी जाटनी
20) दादीराणी सोना देवी बाल्मीकि
21) दादीराणी सोना देवी जाटनी
22) दादीराणी हरदेई जाट
23) दादीराणी देवीकौर राजपूत
24) दादीराणी चन्द्रो ब्राह्मण
25) दादीराणी रामदेई त्यागी
26) दादावीर मोहरसिंह वाल्मीकि जी
27) दादावीर मातैन वाल्मीकि जी
28) औरंगजेब के सामने इस्लाम की बजाये मौत चुनने वाले सर्वखाप के 21 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में एक ब्रह्मण, एक वैश्य, एक सैनी, एक त्यागी, एक गुर्जर, एक खान, एक रोड, तीन राजपूत, और ग्यारह जाट थे|
आदि-आदि!

विशेष: अब अंधभक्त टाइप लोग इसमें कई जगह आये "हिन्दू धर्म रक्षक-रक्षिका" शब्दों में अपने लिए सम्भावना मत ढूँढ़ने लग जाना, क्योंकि 'हिन्द की चादर' कहला के भी विभिन्न सिख सूरमा हिन्दू नहीं हो जाते, वो सिख ही कहलाए हैं| इसी तर्ज पर यौद्धेय जब लड़ता है तो वह किसी एक धर्म विशेष के लिए नहीं अपितु देश और मानवता के लिए लड़ता आया है, इसलिए कोई धर्म विशेष उसको अपने से जोड़ना भी चाहे तो भी वह "यौद्धेय" पहले है, किसी भी धर्म का धर्मी बाद में| "हिन्द की चादर" की भांति खापें "हिन्द का खरड़" रही हैं, दुर्भाग्य यह रहा कि इनको इस तरीके से लिख के प्रमोट करने वाले नहीं थे|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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