Thursday 28 November 2019

सन 1761 के 10 लाख रूपये की आज की तारीख में क्या कीमत होगी, कोई CA दोस्त बता सकता है?

सलंगित कटिंग को देखिये - यह उस खर्चे का ब्यौरा है जो सन 1761 की पानीपत की तीसरी लड़ाई में अहमदशाह अब्दाली से मात खाये दर पर मदद की गुहार लिए आए ब्राह्मण पेशवे व् साथ मरवाई मराठा सेना की जाट महाराजा सूरजमल सुजान जी ने अपने राज के खजानों के मुँह खोल इनकी मरहमपट्टियों से ले आर्थिक मददें करने व् इनको जाट सेना की सुरक्षा में वापिस महाराष्ट्र छुड़वाने में ख़र्च कर दिए थे|

रै रलदू; यह रकम इतनी तो बैठती ही होगी कि जितने का नुकसान बीजेपी सरकार ने पिछले पाँच साल में चार बार हरयाणा जला कर, कर दिया, उसमें भी सबसे ज्यादा फरवरी 2016 का जाट बनाम नॉन-जाट रचकर? इतने नुकसान के बराबर के पैसे यह जाटों को यूँ ही दे देते तो इनके पुरखों पर जाटों के पुरखों द्वारा किये अहसान जरूर कुछ बराबर लग जाते, है कि नहीं?

लेकिन ना यह इतिहास से कुछ सीखने को तैयार ना अपना दम्भ छोड़ने को, फरवरी 2016 में स्टेट-सेण्टर में इनकी सरकारें होते हुए भी उसी हरयाणा में जाट बनाम नॉन-जाट किया या इन्होनें होने दिया जहाँ पर इनके पुरखों को मरहमपट्टियाँ मिली थी| कर लो इनपे अहसान, अहसान के बदले जाट बनाम नॉन-जाट देते हैं यह; फिर ज्यादा कहूंगा तो भगत बिलबिलायेंगे| इनके ऐसे ही घावों के चलते यह मीडिया की भाषा वाली जाटलैंड पर उन्हीं दिनों से आज तलक भी भाऊ नहीं अपितु हाऊ कहलाते हैं|

आने वाली 6 तारीख को पानीपत फिल्म आ रही है, यह इतने हवाबाज हैं कि धरातल पर रहना शायद इनके डीएनए में ही नहीं| देखें क्या गपोड़-घस्से भर के ला रहे हैं इस फिल्म में| वैसे तो हर हरयाणे का बच्चा परन्तु उनमें भी खासकर हर जाट का बच्चा यह ऐसे-ऐसे ऐतिहासिक तथ्य याद रखे यह फिल्म देखने जाते हुए, अगर जाओ तो| नहीं तो रिलीज के दो-चार दिन बाद इंटरनेट पर आ ही जाएगी|

डाटा सोर्स: कुंवर प्रवीर नागिल|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक




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