Thursday 22 July 2021

फंडी की manipulation व् polarisation थ्योरियों से बचना व् बचाना क्यों जरूरी है व् कैसे यह आपकी सांझा व्यापार-कारोबार की संभावनाओं को कुंध कर रहा है?

हमारे अंदर चार इंटरनल पावर एम्पायर (आंतरिक शक्ति साम्राज्य) होते हैं:

1) Kinaesthetic - सोधी (हरयाणवी में उसाण) - Kundalini Health Set
2) Emotional - भावनाएं - Heart Set
3) Cognitive - तार्किकता - Mind Set
4) Spiritual - आत्मीयता - Soul Set
चारों का 25% प्रत्येक के हिसाब से 100% व्यक्तित्व बनता है| यह बैलेंस अगर नहीं है तो आप सनकी हो सकते हैं, भीरु हो सकते हैं, हीन हो सकते हैं, गुस्सैल हो सकते हैं, चिड़चिड़े हो सकते हैं, एकलवादी, अलगाववादी, मानसिक बीमार हो सकते हैं| इसमें सबसे खतरनाक स्थिति तब होती है, जब दूसरा यानि Emotional - भावनाएं - Heart Set आपके बाकी तीनों सिस्टम्स से बड़ा बन जाता है या बना/बनवा दिया जाता है तो यह बाकी तीनों को कुचलने लगता है व् आप "भरी थाली को ठोकर मारने वाली" पटरी पर चलने लगते हैं|
फंडियों ने उनकी manipulation (सच्ची झूठी माइथोलॉजी-इतिहास आदि की गपोड़ -कहानियों के जरिये भय-भ्रम-द्वेष-आवेश-हेय-नफरत-लालच-महत्वकांक्षा) व् polarisation (वर्णवाद की दिग्भर्मित श्रेष्टता) की थ्योरीज के जरिए अधिकतर सोसाइटी को सामूहिकता-सहकारिता-ल्हास-डंगोसरा-मलौटा कल्चर की पटरी से उतार, उनकी आत्मीयता-तार्किकता-सोधी को क्षीण कर खाली भावनाएं हावी करवा रखी हैं| याद करो कथा-पंडालों में आपको डांगरों की तरह डाटने का इनका तर्क क्या होता है, "आस्था में भावना चलती है, तर्क व् दिमाग नहीं"|
इसीलिए आज किसानी परिवेश के घरों में भी बाजारों से सब्जियां आ रही हैं, बावजूद इसके कि डोळे से लगते खेत वाला चाहे बाजार से 10 गुणा सस्ती कीमत पर व् मार्किट से कई गुणा ताज़ी क्यों ना देता हो| बस उसी की आमदनी नहीं करवानी|
अत: जब तक फंडियों के फेंके गए इस "psychological war game" को समझ माइथोलॉजी व् वर्णवाद से दूर नहीं हटा जाएगा; यह भटकन बनी रहेंगी|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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