"My Country My Life" पुस्तक में इसके लेखक लालकृष्ण आडवाणी खुद लिखते हैं
कि 1984 के सिख कत्ले-आम कराने से इंदिरा गांधी तो झिझक रही थी, उसको हमने
(यानी बीजेपी और आरएसएस) ने ही प्रेरणा दी थी उस कत्ले-आम हेतु आगे बढ़ने
की|
कत्ल करने वाला और कत्ल की प्रेरणा देने वाला दोनों बराबर के दोषी होते हैं| सो 1984 का पाप हुआ था तो उस पाप वास्ते अकेली कांग्रेसी दोषी नहीं, बीजेपी और आरएसएस भी उतनी ही दोषी है| इस कत्लेआम पर इंदिरा को दुर्गामाता का ख़िताब देने वाले बीजेपी और आरएसएस के लोग थे| सिखों के कत्लेआम पे लड्डू बांटनें वाले भी यही लोग थे| अडवाणी खुद इन बातों को उनकी इस पुस्तक में लिखते हैं तो इसलिए कोई मुझे झूठा भी नहीं कह सकता|
इसलिए कांग्रेस को खूनी पंजा कहने वाले ऐसा कह के खुद की करतूत से जनता का ध्यान हटाते हैं बस|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
कत्ल करने वाला और कत्ल की प्रेरणा देने वाला दोनों बराबर के दोषी होते हैं| सो 1984 का पाप हुआ था तो उस पाप वास्ते अकेली कांग्रेसी दोषी नहीं, बीजेपी और आरएसएस भी उतनी ही दोषी है| इस कत्लेआम पर इंदिरा को दुर्गामाता का ख़िताब देने वाले बीजेपी और आरएसएस के लोग थे| सिखों के कत्लेआम पे लड्डू बांटनें वाले भी यही लोग थे| अडवाणी खुद इन बातों को उनकी इस पुस्तक में लिखते हैं तो इसलिए कोई मुझे झूठा भी नहीं कह सकता|
इसलिए कांग्रेस को खूनी पंजा कहने वाले ऐसा कह के खुद की करतूत से जनता का ध्यान हटाते हैं बस|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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