जिस एक्सपर्ट मित्र के पास जवाब हो जरूर दीजियेगा!
तर्क की मेथोडोलॉजी: दो मेथड होते हैं, एक लेख-आलेख, अवशेष, खंडहर, शिलालेख आदि के जरिये कोई तर्क स्थापित करना और दूसरा सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी, आइडियोलॉजी व् डीएनए के जरिये तर्क स्थापित करना| मेरे जो तर्क हैं यह दूसरे तर्क के तहत हैं| अब तर्क:
पहले यूरेशियन थ्योरी:
1) अगर यह लोग यूरेशिया से आये हुए हैं तो यह अपने ही उधर के और अपनी ही नश्ल के अंग्रेजों के राज का विरोध क्यों किये? जबकि मुग़ल्स का तो इतना तगड़ा विरोध इन्होनें नहीं किया था, जो कि इनके धर्म के भी नहीं थे?
2) यह यूरेशिया ओरिजिन के हो भी पाश्चात्य सभ्यता से इतनी नफरत क्यों करते हैं कि जब देखो भारत के कल्चर की हर खराबी को वेस्टर्न वर्ल्ड पे मढ़ देते हैं?
3) यूरेशिया ओरिजिन के हैं अगर यह तो बर्मा से होते हुए थाईलैंड तक चार लेन का द्विमार्गी राजमार्ग बनवाने में इनका क्या इंटरेस्ट है? पैतृक जड़ों के मोह के चलते तो यह राजमार्ग यूरेशिया की ओर जाना चाहिए था ना, थाईलैंड की ओर क्यों बन रहा है?
4) यूरेशिया से आये थे तो धर्म से ईसाई होने चाहियें थे, तो फिर इन्होनें हिंदुइज्म कब-कैसे अपनाया या ईजाद किया? क्योंकि 200 साल ऑफिसियल और 300 साल अन-ऑफिसियल रूप में राज करने के बावजूद भी उधर के ही रहे अंग्रेजों ने तो धर्म, भाषा आदि नहीं बदला? तो फिर यह कैसे गौरवान्वित यूरेशियन हुए, जिन्होनें धर्म तक भी बदल डाला?
5) अगर यह यूरेशियन थे तो जैसे अंग्रेजों और फ्रांसीसियों की भारत पर कब्जे बारे बक्सर-प्लासी जैस सीरीज युद्ध हुए थे, ऐसे इनके अंग्रेजों से क्यों नहीं हुए? अंग्रेजों और फ्रांसीसियों ने तो एक झटके में फैसला कर लिया था कि भारत पर कौन राज करेगा? तो इन्होनें ने क्यों नहीं किया और किया तो क्या वो कहीं और के लिए किया था, शायद थाईलैंड के लिए?
6) वैसे लगे हाथों बता दूँ, विकिपीडिया से ले के तमाम प्रमुक सोर्सों के अनुसार यूरेशिया का क्षेत्र पूरे यूरोप व् एशिया को मिला के बताते हैं, ना कि इस ईजाद की हुई थ्योरी की भांति सिर्फ काला सागर के आसपास का क्षेत्र यूरेशिया है| तो कृपया यह कन्फूशन दूर कीजिये मेरा, क्योंकि अगर पूरा यूरोप व् एशिया साझे तौर से यूरेशिया कहलाता है तो फिर हर भारतीय, हर चीनी, हर रूसी, हर अंग्रेज-फ़्रांसिसी आदि सब यूरेशियन हुए; अन्यथा सिर्फ काला सागर का क्षेत्र ही यूरेशिया है तो विकिपीडिया से ले तमाम प्रमुख सोर्स सिर्फ काला सागर क्षेत्र को यूरेशिया बताने की बजाये दोनों महाद्वीपों के साझे क्षेत्र को यूरेशिया क्यों बता रहे हैं?
अब थाईलैण्डी थ्योरी:
1) अगर आप लोग थाईलैन्डियों की भारत में एंट्री बारहवीं सदी के पास की बताते हो तो ईसा पूर्व हुए बंगाल के राजा शशांक, पहली सदी में हुए राजा पुष्यमित्र सुंग व् सातवीं सदी में हुए चच और दाहिर का यहाँ होना, कैसे जस्टिफाई करोगे?
2) भारत में जाति-व्यवस्था इनकी देन बताई जाती है, उससे पहले कबीला सिस्टम बताया जाता है| परन्तु जाति-व्यवस्था भी तो महात्मा बुद्ध से पहले की है, इसी से तंग हो के तो बुद्ध ने ईसा पूर्व पांचवीं सदी में बुद्ध धर्म ईजाद किया था; तो अगर थाईलैण्डी भारत बारहवीं सदी के आसपास आये तो उस वक्त इनका होना कैसे जस्टिफाई करोगे?
3) उत्तरी भारत में जब किसी का नुकसान होता है तो कहते हैं कि ले भाई "मार दिया मठ", "हो गया मठ", "कर दिया मठ" जैसी जो कहावतें उस काल से चलती हैं जब बौद्ध मठ तोड़े गए थे; तो अगर थाईलैण्डी भारत में बारहवीं सदी में आये तो उन मठों को तोड़ने वाले कौन थे? थानेसर के बुद्ध धर्मी राजा हर्षवर्धन के राज व् वंश दोनों के दुश्मन कौन थे?
विशेष अनुरोध: जातीय घृणा व् अवसाद प्रदर्शित करने वाली भाषा, व् जातीय शब्दों के प्रयोग से बचें| ऐसा कोई कमेंट आया तो सविनय डिलीट कर दिया जायेगा|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
तर्क की मेथोडोलॉजी: दो मेथड होते हैं, एक लेख-आलेख, अवशेष, खंडहर, शिलालेख आदि के जरिये कोई तर्क स्थापित करना और दूसरा सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी, आइडियोलॉजी व् डीएनए के जरिये तर्क स्थापित करना| मेरे जो तर्क हैं यह दूसरे तर्क के तहत हैं| अब तर्क:
पहले यूरेशियन थ्योरी:
1) अगर यह लोग यूरेशिया से आये हुए हैं तो यह अपने ही उधर के और अपनी ही नश्ल के अंग्रेजों के राज का विरोध क्यों किये? जबकि मुग़ल्स का तो इतना तगड़ा विरोध इन्होनें नहीं किया था, जो कि इनके धर्म के भी नहीं थे?
2) यह यूरेशिया ओरिजिन के हो भी पाश्चात्य सभ्यता से इतनी नफरत क्यों करते हैं कि जब देखो भारत के कल्चर की हर खराबी को वेस्टर्न वर्ल्ड पे मढ़ देते हैं?
3) यूरेशिया ओरिजिन के हैं अगर यह तो बर्मा से होते हुए थाईलैंड तक चार लेन का द्विमार्गी राजमार्ग बनवाने में इनका क्या इंटरेस्ट है? पैतृक जड़ों के मोह के चलते तो यह राजमार्ग यूरेशिया की ओर जाना चाहिए था ना, थाईलैंड की ओर क्यों बन रहा है?
4) यूरेशिया से आये थे तो धर्म से ईसाई होने चाहियें थे, तो फिर इन्होनें हिंदुइज्म कब-कैसे अपनाया या ईजाद किया? क्योंकि 200 साल ऑफिसियल और 300 साल अन-ऑफिसियल रूप में राज करने के बावजूद भी उधर के ही रहे अंग्रेजों ने तो धर्म, भाषा आदि नहीं बदला? तो फिर यह कैसे गौरवान्वित यूरेशियन हुए, जिन्होनें धर्म तक भी बदल डाला?
5) अगर यह यूरेशियन थे तो जैसे अंग्रेजों और फ्रांसीसियों की भारत पर कब्जे बारे बक्सर-प्लासी जैस सीरीज युद्ध हुए थे, ऐसे इनके अंग्रेजों से क्यों नहीं हुए? अंग्रेजों और फ्रांसीसियों ने तो एक झटके में फैसला कर लिया था कि भारत पर कौन राज करेगा? तो इन्होनें ने क्यों नहीं किया और किया तो क्या वो कहीं और के लिए किया था, शायद थाईलैंड के लिए?
6) वैसे लगे हाथों बता दूँ, विकिपीडिया से ले के तमाम प्रमुक सोर्सों के अनुसार यूरेशिया का क्षेत्र पूरे यूरोप व् एशिया को मिला के बताते हैं, ना कि इस ईजाद की हुई थ्योरी की भांति सिर्फ काला सागर के आसपास का क्षेत्र यूरेशिया है| तो कृपया यह कन्फूशन दूर कीजिये मेरा, क्योंकि अगर पूरा यूरोप व् एशिया साझे तौर से यूरेशिया कहलाता है तो फिर हर भारतीय, हर चीनी, हर रूसी, हर अंग्रेज-फ़्रांसिसी आदि सब यूरेशियन हुए; अन्यथा सिर्फ काला सागर का क्षेत्र ही यूरेशिया है तो विकिपीडिया से ले तमाम प्रमुख सोर्स सिर्फ काला सागर क्षेत्र को यूरेशिया बताने की बजाये दोनों महाद्वीपों के साझे क्षेत्र को यूरेशिया क्यों बता रहे हैं?
अब थाईलैण्डी थ्योरी:
1) अगर आप लोग थाईलैन्डियों की भारत में एंट्री बारहवीं सदी के पास की बताते हो तो ईसा पूर्व हुए बंगाल के राजा शशांक, पहली सदी में हुए राजा पुष्यमित्र सुंग व् सातवीं सदी में हुए चच और दाहिर का यहाँ होना, कैसे जस्टिफाई करोगे?
2) भारत में जाति-व्यवस्था इनकी देन बताई जाती है, उससे पहले कबीला सिस्टम बताया जाता है| परन्तु जाति-व्यवस्था भी तो महात्मा बुद्ध से पहले की है, इसी से तंग हो के तो बुद्ध ने ईसा पूर्व पांचवीं सदी में बुद्ध धर्म ईजाद किया था; तो अगर थाईलैण्डी भारत बारहवीं सदी के आसपास आये तो उस वक्त इनका होना कैसे जस्टिफाई करोगे?
3) उत्तरी भारत में जब किसी का नुकसान होता है तो कहते हैं कि ले भाई "मार दिया मठ", "हो गया मठ", "कर दिया मठ" जैसी जो कहावतें उस काल से चलती हैं जब बौद्ध मठ तोड़े गए थे; तो अगर थाईलैण्डी भारत में बारहवीं सदी में आये तो उन मठों को तोड़ने वाले कौन थे? थानेसर के बुद्ध धर्मी राजा हर्षवर्धन के राज व् वंश दोनों के दुश्मन कौन थे?
विशेष अनुरोध: जातीय घृणा व् अवसाद प्रदर्शित करने वाली भाषा, व् जातीय शब्दों के प्रयोग से बचें| ऐसा कोई कमेंट आया तो सविनय डिलीट कर दिया जायेगा|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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