Wednesday 27 March 2024

खेड़े के गौत की सूचिता - एक micro-management है पुरखों का; हर समूह को अपने ध्वज का गणराज्य होने का गौरव देने का|

 यानि निडाना खेड़ा है मलिक गौत के जाट का, या गर्ग गौत के बनिया का, या "रंगा" गौत के रविदासी का या "भारद्वाज गौत " के बाह्मण का तो यह इनको इस बात का गौरव लेने-देने के लिए है कि कहीं तुम्हारा खुद का भी नाम है| और यही वजह है कि खापलैंड पे लगभग हर गौत का खेड़ा मिलता ही मिलता है| 


micro-management इसलिए कि आज वाले जहाँ जातीय-समरसता तक रखने में लटोपीन हुए जाते हैं, म्हारे बूढ़े उससे भी एक कदम भीतर यानि जाति के भीतर गौत तक कैसे शांत रख के बसाने हैं; उस तक का सिस्टम बांधे हुए थे| इसीलिए गौत इतना संजीदा विषय रहता है हमारे लिए| आखिर कौन नहीं चाहेगा कि ऐसा सिस्टम हो जिसमें उसको जितना सम्भव हो उतने micro स्तर तक बराबर के मान-सम्मान से देखा-बरता जाए? 


क्या ही मुकाबला करेंगे यह आज तथाकथित एकता-बराबरी लाने के नाम पे जाति तक मिटा देने का राग अलापने वाले| ये म्हारे पुरखे इनके फूफे, जाति तो छोडो, गौत तक की micro-management करते थे व् ख़ुशी-ख़ुशी रहते थे, अपने-अपने खेड़ों में, अपने-अपने गौत के साथ


Jai Yaudheya! - Phool Malik

Tuesday 26 March 2024

दोहलीदार, बूटीमार, भोंडेमार और मुकरारीदार भूमि अधिनियम 2010 पर मुहर लगाने के लिए हाईकोर्ट का आभार!

 प्रेस विज्ञप्ति


सिर्फ चेहरे बदलने में लगी बीजेपी, सरकार बदलने के मिशन पर चल रही कांग्रेस- हुड्डा


दोहलीदार, बूटीमार, भोंडेमार और मुकरारीदार भूमि अधिनियम 2010 पर मुहर लगाने के लिए हाईकोर्ट का आभार- हुड्डा 

2010 के कानून से ब्राह्मण, ओबीसी व एससी समाज को मिला जमीनों का मालिकाना हक- हुड्डा 


रोहतक, 26 मार्चः बीजेपी ने पहले अपने मुख्यमंत्री का चेहरा बदला और अब लोकसभा के पांच सांसदों का चेहरा बदल डाला। यानी भाजपा सिर्फ चेहरे बदलने में लगी हुई है जबकि, कांग्रेस और हरियाणा की जनता सरकार बदलने के मिशन पर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा रोहतक में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।


इस मौके पर उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया और हरियाणा के ब्राह्मण, ओबीसी व एससी समाज को बधाई दी। क्योंकि, उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए भूमि सुधार कानून को मान्यता दी है। हाईकोर्ट ने इसे पूरी तरह संवैधानिक करार देते हुए इसकी सराहना भी की है। 

 

दरअसल, बरसों पहले हरियाणा के अलग-अलग गांवों में अन्य स्थान से आकर कई वर्ग बस गए थे। उन वर्गों को पंचायतों व अन्य किसी ने जमीन दान में दी थी। इन वर्गों को दोहलीदार, बूटीमार, भोंडेमार और मुकरारीदार कहा जाता है। इनमें ब्राह्मण, पुरोहित, पुजारी, जांगड़ा ब्राह्मण, नाई, प्रजापत, लोहार, वाल्मिकी, धानक, गोस्वामी, स्वामी, बड़बुजा, धोबी, तेली अन्य कारीगर आदि वर्गों के लोग शामिल थे। बरसों से उस जमीन पर रहने, बसने व खेती करने के बावजूद इन वर्गों को जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल पाया था। इसलिए, ना वो इस जमीन को आगे बेच सकते थे और ना ही किसी तरह का लोन ले सकते थे। इन तमाम वर्गों को मालिकाना हक दिलवाने के लिए कांग्रेस सरकार ने भूमि अधिनियम 2010 लागू किया था। 


लेकिन, 2018 में बीजेपी सरकार ने उस कानून को निरस्त कर दिया। कांग्रेस ने इस मुद्दे को बार-बार विधानसभा में भी उठाया। लेकिन बहुमत के जोर पर बीजेपी ने 2010 के कानून में संशोधन करके लाभार्थियों से जमीन वापिस लेने का कानून पास कर दिया। बीजेपी ने लाभार्थियों से जमीन खाली करवाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी। इसके बाद ये पूरा मामला कोर्ट पहुंच गया। 


अब माननीय न्यायालय ने ना सिर्फ हमारी सरकार द्वारा बनाए गए कानून को वैधानिक करार दिया है बल्कि इसकी प्रशंसा भी की है। हुड्डा ने न्यायालय के निर्णय पर खुशी का इजहार किया और प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर सर्वसमाज के हित में कार्य करने की प्रतिबद्धता भी जताई। 


पत्रकारों से बातचीत में राजकुमार सैनी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि 32 दलों द्वारा दिल्ली में एआईसीसी ऑफिस जाकर इंडिया गठबंधन को बाहर से समर्थन देने की पेशकश की गई है। जहां तक हरियाणा का विषय है, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी या उसके प्रमुख राजकुमार सैनी का कांग्रेस में शामिल होने का सवाल ही नहीं है। क्योंकि, ना तो वो कांग्रेस में शामिल हुए, ना ही कांग्रेस के सदस्य बने। इसलिए किसी गैर-कांग्रेसी नेता के कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ने की बात कोरी अफवाह है। कांग्रेस 36 बिरादरी की पार्टी है और वो कभी जात-पात की राजनीति नहीं करती। कांग्रेस में जात-पात और जातिवादी मानसिकता की कोई जगह नहीं है।


प्रदेश में बढ़ते अपराध पर टिप्पणी करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश के सामने आज यह सबसे विकराल समस्या है। अपराधी बेखौफ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और आमजन डर के साये में जी रहा है। ऐसा लगता है कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। रेलवे रोड पर दो दुकानों को तोड़े जाने के मसले पर भी हुड्डा ने अधिकारियों को निष्पक्ष रहने की नसीहत देते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि रात को 3 बजे कुछ लोगों ने दुकानों को तोड़ डाला, जो कि पूरी तरह गैर-कानूनी है।

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Saturday 23 March 2024

NRI जाटों को विदेशों में फंडियों यानि आरएसएस से जुड़ने का फंडियों द्वारा इन जाटों को दिया जाने वाला हास्यास्पद तर्क!

कई NRI जाट साथियों से बातें होती हैं तो बताते हैं कि फंडी यानि आरएसएस वाले हमें आ के कहते हैं कि देखो बेशक हमारे-तुम्हारे लाख मतभेद व् मनभेद हैं परन्तु अंत में तुमको ईसाई हों, सिख हों या मुस्लिम; सभी जोड़ के तो हम से ही देखते हैं? जब दंगे होंगे या कुछ भी उल्टा होगा तो तुम भी उतने ही इनके अटैक पे रहोगे, जितने कि हम| इसलिए बेहतर है मिलके साथ रहा जाए| यही NRI जाट साथी इनके ऐसे तर्कों पे हँसते हुए बताते हैं कि यह इतना सब कहेंगे परन्तु 

 इनके साथ रहने के आपसी give and take, जाटों को यह कभी नहीं बताते; बल्कि अपना भय और छुपा जाते हैं, हमें ऐसी बेतुकी बातों के तर्क दे के|


इसपे एक NRI जाट साथी ने तो इनकी इस एप्रोच को ठीक उस ऐतिहासिक कल्चरल चुटकुले से जोड़ के बताया मुझे, जो हम बचपन में बहुत सुनते-सुनाते थे| सुनते-सुनाते थे कि एक बार काली अँधेरी तूफानी रात में दो जाट व् एक बनिया, कहीं से गमिणे हो आने की बाट चलते आ रहे थे| बिजलियाँ कड़क रही थी, कच्चे रास्ते थे, झाड़-बोझड़े गमे के दोनों तरफ; इससे बनिये का हिया व् जिया बैठा जाए| परन्तु उसको अपना भय भी जाटों को नहीं दिखाना था, वरना वो उसको डरपोक बोल के उसकी हंसी उड़ाते| तो बनिए ने कहा, "ऐड भाई, दिखे मैंने तो डर लगता नहीं; हड थमनें लागता हो तो एक मेरे आगे हो लो और एक मेरे पाछै"| 


बल्या, इन्नें तो आडै विदेशों में आ के भी यह बाण नहीं छोड़ी; इनको जाटों का साथ भी चाहिए, परन्तु सच्चाई बता के साथ नहीं लेंगे| ऊपर से सितम यह कि यह यूँ सोचते हैं कि हम जाट, इनके इस डर को पकड़ नहीं पाते हैं| अरे भाई जब इतना ही अपना मानते हो तो फिर "give and take" पे क्यों नहीं एकता करते हो? तुम इंडियन मीडिया द्वारा जाट-खाप-हरयाणा की मीडिया-ट्रायल्स रुकवाने; किसानों को MSP दिलवाने, अग्निवीर हटवा के रेगुलर फ़ौज शैड्यूल लगवाने व् पहलवान बेटियों को न्याय दिलवा दो, बीजेपी-आरएसएस को बोल के; हम बदले में तुम्हें सुरक्षा भी देंगे व् तुम्हें खुद के साथ यह दो जाट व् एक बनिया वाले चुटकुला वाली करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी| 


जय यौधेय! - फूल मलिक