Tuesday 22 September 2015

क्यों भाई बाकी के हरयाणवियों क्या हरयाणा आपका नहीं?


लगता है कि हरयाणा सीएम द्वारा,"हरयाणवी सिर्फ कंधो के नीचे से मजबूत होते हैं उपर से नहीं!" कहने को भी हरयाणवी लोग सिर्फ जाट का मजाक समझ रहे होंगे| वो शायद खाप की तरह अब हरयाणवी शब्द को भी सिर्फ जाटों के लिए छोड़ देना चाहते हैं| वरना अभी तक कोई हरयाणवी गुर्जर, अहीर, राजपूत, रोड़, ब्राह्मण, बनिया, दलित, ओबीसी कोई हरयाणवी तो आगे आया होता सीएम साहब के इस बयान की निंदा करने|

सीएम साहब की मेंटलिटी यह भी शो करती है कि वह खुद को प्रदेश का नागरिक नहीं मानते, अथवा खुद को भी कंधे से ऊपर कमजोर मानते हैं| कमाल है सीएम साहब हरयाणवी जनता के लिए आपके लगाव और स्नेह की भी| 

हवा सिंह सांगवान सर आपका कोटि-कोटि धन्यवाद इस बयान और सीएम के 'डंडे के जोर से काम करवाने' वाले बयान पर आपकी हरयाणत जागी और दो टूक सीएम को झाड़ा| सोशल मीडिया पर भी सिवाय जाटों के कोई अन्य हरयाणवी सीएम के बयान के विरुद्ध नहीं बोलता दिखा? क्यों भाई बाकी के हरयाणवियों क्या हरयाणा आपका नहीं? या कबूतर की भांति बिल्ली से आँख मूँद के यह बहम पाल गए हो कि यह "हरयाणवी सिर्फ कंधो के नीचे से मजबूत होते हैं उपर से नहीं!" वाला ब्यान भी सिर्फ जाटों के लिए था?

यार जाटों से इतनी भी मत नफरत करो कि यह गैर-हरयाणवी लोग ऐसे खुले में आपकी बैंड बजा रहे हैं और इसमें आपको कुछ नजर नहीं आ रहा! वाह रे मेरे हरयाणा, क्या नसीब है तेरा! कैसे मूल हरयाणवी हैं तेरे!

जय यौद्धेय! - फूल मलिक


 

No comments: