Tuesday 6 September 2016

सपना चौधरी, समझें कि किस वजह से लोग आपके साथ नहीं खड़े दिखे!

यह एक साइकोलॉजी की बात है|

सपना चौधरी ने जो जातीय आधारित रागनी गा के गलती की थी उसके लिए वो माफ़ी मांग चुकी थी, ज्यादा प्रेशर होता तो वो थाने में भी उपस्थित हो जाती| परन्तु जहर खाने तक की नौबत जरूर उस नोट की वजह से आई होगी, जिसमें उनके बारे ऐसी बातें थी जो कोई भी इंसान खुद तो कम-से-कम कहेगा नहीं| और वह बातें झूठी भी इसलिए सिद्ध होती हैं क्योंकि उस नोट वाले दावों के चरित्र पर चलने वाला कलाकार लगातार 4 साल तक मनोरंजन जगत पर ऐसे एकछत्र राज नहीं कर सकता, जैसे सपना हरयाणवी म्यूजिक व् डांस इंडस्ट्री में तहलका मचाये हुए थी| हरयाणवी कलाकारों को चाहिए कि वह फूहड़ता से ज्यादा अच्छे सिनेमा को बढ़ावा देवें|
ए, बी, सी ग्रेड फिल्म/प्रस्तुति हर कला इंडस्ट्री का हिस्सा होते आये हैं, फिर चाहे वो बॉलीवुड हो, हॉलीवुड या हरयाणा का हैरीवुड| बॉलीवुड और हॉलीवुड की सलफता बी या सी ग्रेड फ़िल्में नहीं अपितु ए ग्रेड फ़िल्में हैं; और इसी तरफ हैरीवुड को ज्यादा ध्यान देना चाहिए|

कारण बताता हूँ कि ऐसा क्यों होना चाहिए, क्योंकि सपना चौधरी ने अधिकतर बी या सी ग्रेड डांस व् पेरफॉर्मन्सेस दे के पैसा तो कमा लिया था परन्तु पब्लिक के वो सेंटीमेंट्स नहीं कमा पाई जैसे जब अमिताभ बच्चन को कुली फिल्म के वक्त चोट लगी थी तो सारा देश उनके लिए दुआओं में खड़ा हो गया था| बस यही वजह रही कि इस कठिन वक़्त में सपना को उसका साथ देने वाले कम मिले| इसलिए कहीं-ना-कहीं बैलेंस जरूरी है|
इसीलिए कहा जाता है कि आनन्-फानन वाले काम करके आप पैसा तो कमा लोगे, परन्तु अगर आपको लोगों के सेंटीमेंट्स पर कब्ज़ा करना है तो ए ग्रेड के कार्य करने भी जरूरी हैं| क्योंकि अगर अमिताभ अकेले सिर्फ बी या सी ग्रेड अफेयर्स में ही रहते तो वो पब्लिक सेंटीमेंट्स कैच नहीं कर पाते| जी, हाँ अमिताभ बच्चन जितने अफेयर्स शायद ही किसी हीरो या हेरोइन के रहें हों, यहां तक कि उनको नेहरू का DNA तक बोला जाता है; परन्तु अन्तोत्गत्वा पब्लिक सेंटीमेंट्स को भी वो अच्छे से पकड़ पाए|

हमारा भोला समाज है, बाल्मीकि भी डाकू से ऋषि बने तो स्वीकार कर लेता है| मैं यह तो नहीं कहूंगा की सपना में कोई दोष है; परन्तु जिस हताशा से वो गुजर रही हैं; उससे निकलना चाहेंगी तो निसन्देह पब्लिक फिर से स्वीकारेगी| परन्तु सिर्फ पैसा कमाने वाली स्वीकार्यता चाहिए या सेंटीमेंट्स जीतने वाली, यह सपना खुद तय करके आवें|

Note: Thanks for sending this note to Sapna Chaudhary, if anyone can!

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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