Thursday 26 December 2019

वेस्टर्न यूपी में मुस्लिम भाईयों के प्रति सर्वखाप को निभाना होगा सर्वखाप के पुरखों वाला सन 1947 का रोल!


वह रोल जिसके कारण 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे के चलते वेस्ट-यूपी बेल्ट में हिन्दू-मुस्लिम दंगों के नाम पर चिड़िया भी नहीं फड़फड़ाई थी जबकि बाकी इंडिया में भयंकर दंगे हुए थे| तब सर्वखाप चौधरियों ने एकमुश्त फैसला दिया था कि ना यहाँ से कोई जायेगा और ना यहाँ कोई आएगा| जाट-गुर्जर-ओबीसी सब लठ लेकर पहरे पर खड़े हो गए थे कि देखें कौन मुस्लिमों की तरफ आँख उठाकर देखता है| और वाकई में उस वक्त वेस्ट यूपी में एक भी दंगा नहीं हुआ था|

और आज के हालातों में ऐसा करना सिर्फ इसलिए जरूरी नहीं है कि ऐसा आपके पुरखों ने किया था| इसकी सबसे बड़ी वजह है इस बेल्ट के किसान की इकॉनमी की| जिसको तोड़ने हेतु यह तथाकथित स्वधर्मी ही सबसे ज्यादा आमादा हैं| यह आपके खेतों-खलिहानों के सीरी-साझी आपसे छीनना चाहते हैं| ताकि आपको खेतों के लिए जायज दाम पर मजदूर ही ना मिल सके और इन तथाकथित स्वधर्मी व्यापारियों के "कॉर्पोरेट खेती" के सपने को रास्ता मिल सके| इनकी बहकाई में आये तो बाजू पकड़-पकड़ फेंकेगे यह तथाकथित स्वधर्मी ही आपको आपकी ही जमीनों-खेतों से, तो जरा संभाल के सावधान हो के|

सनद रहे, वेस्टर्न यूपी के किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं करने वाली सुगरमीलों के 95% मालिक आपके स्वधर्मी हैं, मुस्लिम नहीं| झगड़ा-लफड़ा करना है तो इनके साथ करो, जो आपकी पेमेंट्स दबाये बैठे हैं| मुस्लिम के साथ झगड़े में पड़ कर इनको मार बेशक लोगे परन्तु बाद में ऐसे ही पछताओगे जैसे "कुत्ते को मार बंजारा रोया था"|

हर प्रकार की किसान राजनीति भी यही कहती है| चाहे वह किसान-जमींदार राजनीति सर छोटूराम आइडियोलॉजी की रही, चौधरी चरण सिंह वाली रही, ताऊ देवीलाल वाली रही या बाबा महेंद्र सिंह टिकैत वाली रही|

वैसे भी इस बनाम उस के भुग्तभोगी आपके पडोसी राज्य के आपके ही हिन्दू जाट भाई रहे हैं Feb 2016 में आपने सब अपनी आँखों से बखूबी देखा है| 2013 वाले मुज़फरनगर दंगों में भी आपने देखा ही था ना, कि किस तरह हिन्दू-बनाम-मुस्लिम की लड़ाई उछाल कर बाद में आपके स्वधर्मी ही उस लड़ाई को जाट बनाम नॉन-जाट का रूप दे के "लगा के बण में आग दमालो दूर खड़ी" की तर्ज पर साइड हो लिए थे? उसके बाद क्या हुआ सस्ता व् भरोसेमंद सीरी-साझी गया आपका गया, खेत की लेबर के रेट आसमान चढ़े वह अलग?

तो कृपया ऐसा ना करे वेस्ट यूपी का समाज चाहे वह दलित हो या जाट हो, ओबीसी या अन्य कोई बिरादरी| और अगर सर्वखाप यह ऐलान कर दे कि हम यहाँ पत्ता भी नहीं हिलने देंगे तो क्या योगी और क्या मोदी; औकात नहीं इनकी कि वेस्टर्न यूपी में धार्मिक दंगों के नाम पर एक पत्ता भी हिलवा सकें| जिसके कि आ रही हाल की रिपोर्टों से पूरे आसार बनवाये जाने की खबरें हैं|

हे चौधरियों! अपने पुरखों सी सूझबूझ व् स्वछंदता पालते हुए मानवता पालना, धर्मान्धता नहीं| इन बहरूपिये भगवा भोगीयों के बहकावे में मत आना वरना पीढ़ियाँ लग जाएँगी बना-बनाया, बसा-बसाया यह उपवन फिर से हरा-भरा करने को| वैसे ही बहुत आर्थिक तंगी से ले सामाजिक अस्तित्व की तंगी झेल रहे हो, और मत बोझ डालना अपनी आने वाली पीढ़ियों पर, इन लफड़ों में झुलस कर|

जो मेरी इस पोस्ट से सहमत हो, कृपया इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करे, कॉपी-पेस्ट करके इतना फैलाएं कि जो चौधरी (चौधरी चाहे वह यूपी वाले हों, हरयाणा-दिल्ली-पंजाब या राजस्थान वाले सबको भेजिए) वेस्ट यूपी को इस काल के ग्रास से बचा सकते हों, उन तक यह जरूर से जरूर पहुंचें| तुमको-हमको-आपको हमारे पुरखों के गौरवशाली मानवीय इतिहास की ओर देखना होगा| इन भगवा राष्ट्रवादी फलहरीयों का कुछ नहीं बिगड़ेगा, यह तो कोई झोला उठाकर चल देगा तो कोई जंगलों-पहाड़ों में जा छुपेगा, चढ़ेगा|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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