Sunday, 31 August 2025

बांगर, खादर, नरदक, बागड़, अहीरवाटी, मेवात और ब्रज

 आप किस इलाके से आते हैं?

बांगर, खादर, नरदक, बागड़, अहीरवाटी, मेवात और ब्रज
हरियाणा के समस्त भूभाग को बांगर, खादर, नरदक, बागड़, अहीरवाटी, मेवात और ब्रज आदि उपखंडों में बांटा गया है।
जिला रोहतक, सोनीपत, झज्जर, जींद, कैथल, जींद जिला का नरवाना, जिला हिसार की हांसी व हिसार तहसीलें तथा भिवानी जिला की भिवानी तहसील 'बांगर' भू-भाग में परिगणित किए जाते हैं। यहां की धरती समतल और उपजाऊ है। इसी बांगर भू-भाग में जिला रोहतक के गांव गढी में ही दीनबंधु छोटूराम जी का जन्म हुआ था।
पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला के भू-भाग को 'नर्दक' कहते हैं। यह भू-भाग खूब हरा-भरा और अत्यधिक उपजाऊ है। यमुना नदी के साथ लगते क्षेत्र को 'खादर' कहते हैं। यहां की उपजाऊ भूमि का चप्पा-चप्पा सोना उगलता है।
जिला हिसार का पश्चिम-दक्षिण क्षेत्र, जिला महेंद्रगढ़, जिला रेवाड़ी का कोसली क्षेत्र, जिला भिवानी की दादरी तहसील व लोहारू तहसील से लेकर दडबा कलां, फतेहाबाद, ऐलनाबाद, रोड़ी, सिरसा, डबवाली तक फैले भू-भाग को 'बागड़' कहा जाता है। यहां बालू रेत के टीले हैं। यहां खेती के लिए ज्यादातर वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता था। नल-कूप, नहर आदि सिंचाई के साधन उपलब्ध होने के कारण अब यहां भी अच्छी पैदावार होने लगी है।
जिला रेवाड़ी, गुरुग्राम जिला की गुड़गांव तहसील का काफी बड़ा भाग, झज्जर जिला का नाहड की तरफ का क्षेत्र, महेंद्रगढ़ जिला की नारनौल तथा महेंद्रगढ़ तहसील का कुछ क्षेत्र और भिवानी व हिसार का कुछ क्षेत्र 'अहीरवाटी' कहलाता है। यह रेतीला एवं शुष्क क्षेत्र है।
फरीदाबाद और पलवल जिलों को 'ब्रज' कहा जाता है। यहां की धरती समतल और उपजाऊ है। आगरा और मथुरा क्षेत्र से सटा होने के कारण यहां के लोगों की भाषा, रहन-सहन, खान-पान आदि ब्रजवासियों से मिलता है।
नूंह जिला में नूंह के अतिरिक्त फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, हथीन, तावडू, नगीना आदि क्षेत्रों को 'मेवात' कहा जाता है। यह क्षेत्र पथरीला और कहीं-कहीं रेतीला है। शुष्क क्षेत्र होने के कारण यहां के लोग खेती के लिए ज्यादातर वर्षा पर निर्भर रहते हैं।
स्रोत. दीनबन्धु छोटूराम की जीवनी, लेखक: डॉ. सन्तराम देशवाल जी

No comments: