नवनिर्माण - नई हरयाणवी रागनी
हरियाणे में लोक कवि और, गीतकार विद्वान हुए
उनकी रचना राग रागणी, हरियाणे का मान हुए
सूर्यकवि श्रीलखमीचन्दजी, गायन रस की खान हुए
कवि शिरोमणि माँगेराम भी, जनमाणस की ज्यान हुए
वे अजर हुए, वे अमर हुए, तुम सोचो नया बणावण की
गुरु मानसिंह, लखमीचन्द का, हरियाणे में नाम बड़ा
सोनीपत जिला, सेरसा जाटी, हरियाणे में गाम बड़ा
बाजे भगत सीसाणे आळा, रचग्या भक्ति ज्ञान बड़ा
सांग भजन और रागणियों में, पाणची का धाम बड़ा
रच नया गीत, मय सँगीत, सृजन कर लय ठावण की
कवि दयाचन्द मायने के म्ह, प्रचार करण आळे होगे
सामाजिक समरसता का, प्रसार करण आळे होगे
जाट मेहरसिंह गाम बरोणा, छन्द नए धरण आळे होगे
समचाणेे में श्री जगननाथ रँग नए भरण आळे होगे
कुछ ऊतां की आदत सै आज वृथा ही मुँह बावण की
हरयाणे की संस्कृति का मास्टर सतबीर नै मान बढ़ाया
गुरु पालेराम हलालपुरिया नै गावण में नाम कमाया
हरियाणे का मोहम्मद रफ़ी श्री राजकिशन कहलाया
बाऊ धनपत हलालपुरिया नै बड़ी लय सुर के म्ह गाया
उस ईश्वर नै जल्दी करदी इन्हैं अपणे पास बुलावण की
मुंशीराम जाण्डळी, धनपत, नुरनन्द वाळे ब्यास हुए
गन्धर्व कवि नन्द लाल मास्टर नेकीराम जी खास हुए
श्री हरिकेश पटवारी सिंगर, कविताई के दास हुए
पढ़ पढ़ कै इन महारथियाँ ने आनन्द शाहपुर पास हुए
पैसे ले कै कार करैं कुछ छाप काट कै गावण की 

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आनन्द कुमार आशोधिया©2021-25

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