आज ही के दिन पिछले साल उज़मा बैठक व् khapland.in की टीम जिसके कि फूल कुमार मलिक, सुरेश देसवाल व् भरत सिंह इंचार्ज हैं; ने अपने अन्य उज़मा साथियों जैसे कि नेपाल सिंह सहरावत, सरला चौधरी, चेतनवीर सिंह, अनीता सिंह, विकास पंवार से मंत्रणा करके निर्धारित किया कि अगर किसान आंदोलन को मनोबल की एक सुनिश्चित ऊंचाई (जिससे कि सरकार भी घबराए) तक मजबूती से खड़ा करना है तो खापों का इसके साथ खड़ा होना बहुत जरूरी है|
अपने कल्चर के मूल्यांकन का अधिकार दूसरों को मत लेने दो अर्थात अपने आईडिया, अपनी सभ्यता और अपने कल्चर के खसम बनो, जमाई नहीं!
Monday, 29 November 2021
29 नवंबर 2021 का दिन किसान आंदोलन के साथ-साथ "उज़मा बैठक" के लिए बेहद ख़ास है!
Saturday, 20 November 2021
कृषि बिल वापिस होने की इतनी साधारण सी वजह भी मत मानिए कि यूपी के नतीजों से डर गया मोदी, खेल बहुत बड़ा व् इंटरनेशनल स्तर से हो के आया है!
1) सोचिए, पिछले 7 साल से जो सुप्रीम कोर्ट सत्ताऱूढ़ों ने अपने मन-माफिक फैसले करवाने का अड्डा बना लिया था, वह पिछले 4 हफ्तों से इस सरकार पर उग्र क्यों है?
Thursday, 18 November 2021
हरयाणा की धरतीपुत्रों की जत्थेबंदियां पंजाब वालों से सीखें पहले!
पंजाब में सरकार व् पोलिटिकल पार्टीज सब धरतीपुत्रों की मुट्ठी में हैं; एक सीएम की बलि भी वहां ली जा चुकी है; सरकार से सारी मांगें "लाइन हाजिर" करवाने वाले स्टाइल से मनवा लेते हैं; उदाहरण कल का ही देख लें| एक हिसाब से कहिए कि इतना जिगरा-जबरा-ब्योंत बिना इलेक्शन लड़े, सत्ता में आए ही इन्होनें बनाया हुआ है; वजह है - सारी जत्थेबंदियों की एकमुश्त एकता या एक-दूसरे को नहीं काटने की नैतिक सूझबूझ व् तालमेल|
Monday, 15 November 2021
सर छोटूराम धाम, सांपला में एक कन्वेंशन रखे SKM; दुविधा सी बनी स्थिति के सब बादल छंट जाएंगे!
जब हमने 9 जनवरी 2015 यूनियनिस्ट मिशन की शुरुवात की थी तो मेरी हरयाणा के कम्युनिस्टों से अक्सर बहस होती थी कि आपने कभी सर छोटूराम को क्यों नहीं उठाया; जवाब मिलता था कि इंडियन कम्युनिज्म की बागडौर बंगालियों के हाथ में रही है जो कि अधिकतर "सामंती विचारधारा की तथाकथित स्वघोषित स्वर्ण क्लास" से आते हैं व् सर छोटूराम इनको पसंद नहीं| हालाँकि सर छोटूराम कम्युनिस्ट नहीं थे, वह सेंट्र्लिस्ट थे; लेकिन उनका सेंटरलिस्म लेफ्ट वालों को जमता था|
Sunday, 14 November 2021
3 दलित भाईयों के सवालों की वेदना कैसी शांत की - पार्ट 1!
"Decoding the 35 vs. 1" Series - 1, Chapter - 1
Saturday, 6 November 2021
अरविंद शर्मा इंसान को इतना जल्दी अपनी पिछोका नहीं भूलना चाहिए!
आ जा तुम्हें बताऊँ कि जाट-जमींदारों जैसे सोच से कैसे शाही थे, हैं और रहेंगे; और तुम्हारे जैसे व् जिन उघाड़ों को साथ ले गलमठे पा रह्या थम कैसे चांडाल थे और रहोगे|
स्वघोषित कंधों से ऊपर मजबूतों की मजबूती तड़काता "किसान आंदोलन" पार्ट-2
Monday, 1 November 2021
टिकैत साहब व् अन्य किसान नेता फिर से सरकार को खिला रहे हैं या?
यह दो कदम पीछे हटते दिखने का मतलब बड़ी तैयारी है या कोई झिझक?