पंजाब में सरकार व् पोलिटिकल पार्टीज सब धरतीपुत्रों की मुट्ठी में हैं; एक सीएम की बलि भी वहां ली जा चुकी है; सरकार से सारी मांगें "लाइन हाजिर" करवाने वाले स्टाइल से मनवा लेते हैं; उदाहरण कल का ही देख लें| एक हिसाब से कहिए कि इतना जिगरा-जबरा-ब्योंत बिना इलेक्शन लड़े, सत्ता में आए ही इन्होनें बनाया हुआ है; वजह है - सारी जत्थेबंदियों की एकमुश्त एकता या एक-दूसरे को नहीं काटने की नैतिक सूझबूझ व् तालमेल|
अपने कल्चर के मूल्यांकन का अधिकार दूसरों को मत लेने दो अर्थात अपने आईडिया, अपनी सभ्यता और अपने कल्चर के खसम बनो, जमाई नहीं!
Thursday, 18 November 2021
हरयाणा की धरतीपुत्रों की जत्थेबंदियां पंजाब वालों से सीखें पहले!
Monday, 15 November 2021
सर छोटूराम धाम, सांपला में एक कन्वेंशन रखे SKM; दुविधा सी बनी स्थिति के सब बादल छंट जाएंगे!
जब हमने 9 जनवरी 2015 यूनियनिस्ट मिशन की शुरुवात की थी तो मेरी हरयाणा के कम्युनिस्टों से अक्सर बहस होती थी कि आपने कभी सर छोटूराम को क्यों नहीं उठाया; जवाब मिलता था कि इंडियन कम्युनिज्म की बागडौर बंगालियों के हाथ में रही है जो कि अधिकतर "सामंती विचारधारा की तथाकथित स्वघोषित स्वर्ण क्लास" से आते हैं व् सर छोटूराम इनको पसंद नहीं| हालाँकि सर छोटूराम कम्युनिस्ट नहीं थे, वह सेंट्र्लिस्ट थे; लेकिन उनका सेंटरलिस्म लेफ्ट वालों को जमता था|
Sunday, 14 November 2021
3 दलित भाईयों के सवालों की वेदना कैसी शांत की - पार्ट 1!
"Decoding the 35 vs. 1" Series - 1, Chapter - 1
Saturday, 6 November 2021
अरविंद शर्मा इंसान को इतना जल्दी अपनी पिछोका नहीं भूलना चाहिए!
आ जा तुम्हें बताऊँ कि जाट-जमींदारों जैसे सोच से कैसे शाही थे, हैं और रहेंगे; और तुम्हारे जैसे व् जिन उघाड़ों को साथ ले गलमठे पा रह्या थम कैसे चांडाल थे और रहोगे|
स्वघोषित कंधों से ऊपर मजबूतों की मजबूती तड़काता "किसान आंदोलन" पार्ट-2
Monday, 1 November 2021
टिकैत साहब व् अन्य किसान नेता फिर से सरकार को खिला रहे हैं या?
यह दो कदम पीछे हटते दिखने का मतलब बड़ी तैयारी है या कोई झिझक?
Friday, 29 October 2021
कोल्हू धोक-ज्योत (बड्डी गिरडी) व् गंडा (गन्ना) पाड़ दिवस - कात्यक मास की मौस (अमावस)!
छोटी-गिरडी व् बड्डी-गिरडी - गिरडी, खेतों में ढीम-डळे फोड़ने के काम आने वाला पत्थर का बना रोलर होता है|
ऋषि दयानन्द की पुण्यतिथि पर विशेष!
अक्सर जाट से जलते-बलते-एंटी लोग कहते-बिगोते-रोते हैं कि जाट को मान-सम्मान नहीं करना आता|
Sunday, 24 October 2021
अब फंडी की नजर जमीन बाबत जमींदारों की लड़ाई लगवाने की भी है दलित-ओबीसी के साथ, कितने तैयार हो इससे बचने हेतु!
या तो दलित-ओबीसी व् अपने बीच से फंडी को निकालो; या फंडी द्वारा तुम्हारे पर करवाया जा रहा दलित-ओबीसी बनाम तुम झेलते जाओ!
या तो दलित-ओबीसी के ऊपर छूत-अछूत, स्वर्ण-शूद्र, वर्ण की ऊंच-नीचता के नाम पर फंडी द्वारा किये जा रहे जुल्मों-भेदभावों को गाम गेल उठा के इनको फंडियों के जुल्मों से छुटकारा दिलवाओ, नहीं तो यह फंडी तुमसे पहले, तुम्हारे दलित-ओबीसी के साथ झगड़े लगवा तुम्हें यूं ही isolate राखेँगे| चॉइस थारी, थम इनको isolate कर दो या खुद को isolate करवाए रखो इनसे|
Friday, 22 October 2021
सावधान: फंडी अपनी अनैतिक नीचता पर फिर से उत्तर रहा है!
किसान आंदोलन को कुचलने-दबाने-बिखेरने के मोदी-शाह से ले, बीजेपी-आरएसएस, बिग फिश-कॉर्पोरेट और सबसे बड़े कोर्ट तक में मुंह की खा चुके फंडी, घायल हुए बावले कुत्ते की तरह अपने शिकार पर निकल चुके हैं| व् अब इन्होनें जरिया बनाया है इस आंदोलन की अग्रणी कौम के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के एक्टिविस्टों को एक्टिव करके किसान-मजदूर के बीच आई मधुरता को तोड़ने का|
Thursday, 21 October 2021
35 बनाम 1 क्यों झेलना पड़ रहा है जाट समाज को!
इस पोस्ट का उद्देश्य: दलित-ओबीसी व् जाट को उन पहलुओं पर विचार करने को केंद्रित करना, जिसकी वजह से उनके बीच फंडी बेहोई दखलंदाजी किये हुए है|
Wednesday, 20 October 2021
खापलैंड की उदारवादी जमींदारी की एथिकल कैपिटलिज्म के "सीरी-साझी वर्क कल्चर" का "बार्टर इकोनॉमिक सिस्टम" मॉडल!
कभी सोचा है कि एक नाई, बाह्मण, लुहार, कुम्हार, खाती, छिम्बी आदि को उदारवादी जमींदारों के खेतों से जो 'एक गठड़ी तूड़ी' या 'एक मण या दो धड़ी अनाज' किस पैमाने के आधार पर मिला करता था या बहुतेरी जगहों पर आज भी लाते हैं?