Tuesday, 17 March 2015

जाट आरक्षण खत्म करना 18 मार्च को दिल्ली में होने वाले किसान आंदोलन की कमर तोडना!


(यह मंडी और फंडी की किसान समाज को बाँटें रखने की साजिश के अलावा कुछ भी नहीं)

वर्तमान सरकार ने आते ही किसानों की फसलों के दाम गिराये, यूरिया के लिए किसानों की औरतों तक की थानों में लाईन-हाजिरी हुई, फिर काला लैंड आर्डिनेंस लाये, उस पर अभी हाल ही हुई प्रकृति की ओलावृष्टि और बेमौसम बरसात की मार; यह सब प्राकृतिक और कृत्रिम कारण मिलजुल कर, कल यानी 18 मार्च को जंतर-मंतर पर किसान की आवाज बनने जा रहे थे और 1991 से टूटी चली आ रही "अजगर" समेत तमाम किसान-कमेरा वर्ग की एकता का आगाज, कल के किसान आंदोलन से होता दिख रहा था, कि मंडी और फंडी के हाथ-पाँव फूल गए और उतार दिया ना सिर्फ इन मुद्दों से ध्यान बंटवाने अपितु किसान समाज को एक ना होने देने से रोकने हेतु 'जाट आरक्षण को रद्द करने का फैसला' वो भी सुप्रीम कोर्ट के रास्ते से|

इसलिए इस वक़्त जाट आरक्षण क्यों रद्द हुआ, जाट इसको छोड़ कर, बाकी सारे किसान समाज को जोड़ के कल के होने वाले किसान आंदोलन पर ही ध्यान केंद्रित रखें तो ही इन मंडी-फंडी की साजिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकेगा| थोड़ा सा इतना जरूर लिख दूँ कि आज के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से किसान आंदोलन कैसे प्रभावित होगा| होगा यह कि जो अजगर की 24 साल पुरानी फूट थी, उसको फिर से मंडी-फंडी गैर-जाट किसानी जातियों में ले के जायेगा और उनको बहका लेगा| और गैर-जाट किसान भी जाट की ही तरह इतना भोला है कि वो शायद जाट किसान से एकजुट हो वर्तमान में किसान पर मंडराएं काले बादलों को छांटनें हेतु लड़ने की अपेक्षा कहीं जाटों के आरक्षण रद्द होने के जश्न में ना डूब जाए| और यही चाहने और पाने के लिए मंडी-फंडी ने यह तुरुप का पत्ता आज चलवाया है|

फ़िलहाल इतना ही और कहूँगा कि इन तमाम तरह के षड्यंत्रों का एक ही अचूक इलाज है और वो है "दो महीने के लिए किसान जातियों द्वारा व्यापारिक जातियों से खाने-पीने के सामान को छोड़, बाकी सारे सामान के खरीदने-बेचने का बायकाट का असहयोग आंदोलन|" - my video on how to run this 'असहयोग आंदोलन' - https://www.youtube.com/watch?v=osGdn8hPXC4

और मेरा परसों लिया "मेरा दान मेरी ताकत, मेरी कंजूमर-पावर मेरा कंट्रोल" का फैसला ना सिर्फ सही है अपितु आजीवन के लिए और भी पक्का व् दुरुस्त हो गया है| - फूल मलिक

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