कुछ शरारती तत्वों द्वारा बाबा साहेब की मौत को भरतपुर के पूर्व महाराज
बच्चू सिंह से जोड़ कर प्रचारित किया जाता है| ऐसा सिर्फ और सिर्फ जाट-दलित
भाईचारे में दरारें डलवा जाट-दलित को अलग-अलग रखने हेतु मंडी-फंडी मति के
लोग करते हैं|
क्या अगर वाकई में महाराजा जी ने बाबा साहेब हो संसद में गोली मारी होती तो गांधी को गोली मारने पर जैसे गोडसे की ट्रायल हो के फांसी हो गई थी, महाराजा साहब की भी ऐसे ही ट्रायल नहीं हुई होती क्या?
बाबा साहेब एक तो डायबिटीज के मरीज थे ऊपर से उनकी द्वितीय स्वर्ण पत्नी का इसमें षड्यंत्र बताया जाता है| डायबिटीज या उनको भोजन में दिए गए स्लो पाइजन की वजह से उनकी मौत हुई बताई जाती है|
ठीक वैसे ही जैसे सर छोटूराम को भी मंडी-फंडी षड्यंत्रकारियों द्वारा स्लो-पाइजन दे के मरवाने की चर्चा होती रहती है|
इसलिए नादाँ जाट, इस हीरोगिरी में चढ़ के अपने असली मित्र दलित से दूरी बनाने जैसी ऐसी कोरी षड्यंत्री अफवाओं को सोशल मीडिया पर फैलाने से बचें और अपने नंबर वन दुश्मन मंडी-फंडी के इन प्रोपगैंड़ों के मात्र भावना और घृणा पर सवार हो शिकार होने से बचें!
जय भीम! जय छोटूराम!
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
क्या अगर वाकई में महाराजा जी ने बाबा साहेब हो संसद में गोली मारी होती तो गांधी को गोली मारने पर जैसे गोडसे की ट्रायल हो के फांसी हो गई थी, महाराजा साहब की भी ऐसे ही ट्रायल नहीं हुई होती क्या?
बाबा साहेब एक तो डायबिटीज के मरीज थे ऊपर से उनकी द्वितीय स्वर्ण पत्नी का इसमें षड्यंत्र बताया जाता है| डायबिटीज या उनको भोजन में दिए गए स्लो पाइजन की वजह से उनकी मौत हुई बताई जाती है|
ठीक वैसे ही जैसे सर छोटूराम को भी मंडी-फंडी षड्यंत्रकारियों द्वारा स्लो-पाइजन दे के मरवाने की चर्चा होती रहती है|
इसलिए नादाँ जाट, इस हीरोगिरी में चढ़ के अपने असली मित्र दलित से दूरी बनाने जैसी ऐसी कोरी षड्यंत्री अफवाओं को सोशल मीडिया पर फैलाने से बचें और अपने नंबर वन दुश्मन मंडी-फंडी के इन प्रोपगैंड़ों के मात्र भावना और घृणा पर सवार हो शिकार होने से बचें!
जय भीम! जय छोटूराम!
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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