Sunday, 26 June 2016

ग्राउंड जीरो रिपोर्ट: गौ, आरएसएस और जाट का इमोशनल ब्रेनवाश!

दो-दो जाट आंदोलनों के बाद आरएसएस से नाराज जाटों को मनाने हेतु, आरएसएस गाय के कत्ल की वीडियो अपने एजेंटों के जरिए जाटों के मोबाइल, बैठक, चौपाल हर जगह पहुंचा रहा है; ताकि आपकी भावनाओं को उद्वेलित व् एक्सप्लॉइट किया जा सके|

ऐसे लोगों को मोबाइल, बैठक, चौपाल के जरिए यह सवाल भरे जवाब चिपका देवें:

1) सबसे 85% से ज्यादा गौ-कत्लखाने हिन्दू जाति के मंडी-फंडी वर्ग के लोगों के हैं| और मंडी-फंडी ही आरएसएस को पोषित व् संचालित करता है तो फिर जब अपराधी तुम्हारा, अपराध तुम्हारा, सरकार तुम्हारी, पुलिस-प्रशासन पर कंट्रोल तुम्हारा तो हमसे क्या चाहते हो; पकड़वा के डलवाते क्यों नहीं एक-एक को जेल के अंदर?

पहले उनको जेल में डलवाओ और फिर अगर उनके बनाये बूचड़खानों व् कतलखानों को तोड़ने-जलाने की बात आये तो बता देना, लठ समेत पहलवान भेज देंगे| परन्तु अगर इस कार्यवाही में किसी पहलवान को चोट लगी या कोई कानूनी पचड़ा पड़ा तो उसका बीमा पहले करके दोगे, उसके खानेपीने और आनेजाने का खर्च और दिन की दिहाड़ी के एवज में न्यूनतम 1000 (special dharmseva charges including) रूपये दोगे| दिहाड़ी और खर्चा इसलिए क्योंकि तुम दान-चन्दा लेते ही "धर्म-रक्षा के नाम का हो" तो फिर जब तुमसे रक्षा नहीं होती और हमारे वालों से करवानी है तो वो दान-चन्दा इधर धरो|

2) इनको बोलना कि जाट आंदोलन के दौरान जितने भी जाट बालक जेलों में बंद हैं, उन सबको पहले रिहा करवाओ| व् उन पर दर्ज तमाम झूठे और टोरचर करने के मुकदमे वापिस करवाओ|

3) सड़कों-गलियों-कुरडियों पर कागज-प्लास्टिक बीनती गायों को अपने-अपने घरों में बांधो|

4) किसान के घर पर बूढ़े हो चुके बैलों को पालने का खर्चा निकाल के आगे रखो|

5) जितने भी हिन्दू गौ-कत्लखाने चलाते हैं उनको धर्म से बाहर फेंको और उनका सार्वजनिक जुलूस निकालो, फिर वो चाहे कितने ही बड़े अरबों-खरबोंपति क्यों ना हों?

बोलो, यह बातें करते हो तो अभी चलें, तुम्हारे साथ? नहीं, तो यु देख खाट की बाहइ पै धरया लठ, कहंदा हो तो ईबे की इब तेरी सारी धर्म की ठेकेदारी झाड़ दूँ?

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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