Tuesday, 9 May 2017

जब ब्राह्मणों ने यह सलंगित कटिंग वाली खबर पढ़ी होगी, तो उन्होंने क्या किया होगा?

हरयाणा में जाट बनाम नॉन-जाट, वेस्ट यूपी में चौधरी चरण सिंह जी के सम्मान पर हाथ डालने की जुर्रत, पंजाब-हरयाणा व् तमाम भारत में सरदार भगत सिंह के नाम से एयरपोर्ट बदलने की गुफ्तगू छेड़ने की हिमाकत व् 1857 की क्रांति के धोतक राजा नाहर सिंह की रियासत का नाम बदलने से कोफ़्त और क्रोधित महसूस कर रहा जाट, जमींदार व् इन ऊपर नामित हुए नेताओं-नायकों से दिल से जुड़ा हर अन्य जातियों-ब्रादरियों का इंसान; 2012 की इस खबर की कटिंग को पढ़े और सोचे, क्या ब्राह्मणों ने जब यह कटिंग पढ़ी होगी तो कम खून खोला होगा उनका? लेकिन सब अंदर दबा के रखा और सही वक्त का ना सिर्फ इंतज़ार किया वरन उसको जल्द-से-जल्द लाने की तैयारी भी करते रहे|

इसलिए सोशल मीडिया पर विरोध दर्ज करें, परन्तु उसके अतिरेक में पड़ के आगे की तैयारी करने से विमुख न होवें| और आगे की तैयारी ऐसी हो कि यह पीछे वाली कमियां जिसमें ना हों| अच्छे-बुरे-अवांछित वक्त उन्हीं पे आते हैं, जिनको समाज-दुनिया कुछ मानती हो; आज यह जाट बनाम नॉन-जाट है तो यह स्थाई नहीं है| जिसने भी यह बनाया है, वह हीनभावना से ग्रसित है, उसको जाट सबसे उच्च लगते हैं; और खुद से भी, तो इसलिए बेवजह खौफजदा है वो| लेकिन यह उच्चता और पक्की हो, उसके लिए इन वर्तमान हालातों को उसका आधार बना के आगे बढ़ना होगा|

तो इस जाट बनाम नॉन-जाट को एक उत्सव की तरह जियो और एक छालें मार के बहती मदमस्त नदी की भांति अपने किनारों में बहते हुए अलख जगाते हुए आगे बढ़ो|

उद्घोषणा: मैं इस सलंगित कटिंग वाली खबर की पुष्टि नहीं करता, हो सकता है मीडिया की शरारत रही हो, परन्तु वर्तमान हालातों के चलते जाट-जमींदार जैसे समाज का युवा (नहीं जायेगा, यह जाट का जींस है, परन्तु फिर भी संभावना को ही मिटा दिया जाए तो अति-उत्तम) गलत राह ना पकड़ ले, अलगाव या अवसाद में न चला जाए; इसलिए सिर्फ-और-सिर्फ एक मोटिवेशनल रिफरेन्स की भांति प्रयोग कर रहा हूँ|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक


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