बोले कि बेटा आप वह काम कर रहे हो जो हम समाज की इलीट क्लास होते हुए भी नहीं कर सके| और वह है हरयाणवी समाज में "KINSHIP - किनशिप" को कंटिन्यू (निरंतरता में जारी रखना) रखने का|
सर ने बताया कि बेटा वक्त की कमी कहो या शहरों में आने के चलते गाम-खेड़ों से हमारा कटाव कहो या उचित मौके नहीं बन पाए या नहीं बना पाए कहो परन्तु यह कमी हमें सालती रही कि हमारी 'किनशिप' कहीं पीछे छूट गई है|
परन्तु जब प्रोफेसर दिव्याज्योति के जरिये आप बारे जाना तो आपसे बातें करने का मन हुआ| आप एक बहुत ही अहम् छूटा हुआ पहलु आगे बढ़ा रहे हो, इसको विशालतम स्तर तक लेकर जाना| क्योंकि हर कामयाबी-शौहरत का अंत हासिल यही है कि अगर आपने जीवन में अपनी 'किनशिप' को कंटिन्यू नहीं रखा तो बुढ़ापे में आपको यह चीज खासी सालती है|
किनशिप का अर्थ: आपके जेनेटिक्स-जनरेशन-कस्टम-कल्चर-भाषा-सोशल आइडेंटिटी व् उसके रुतबे की निरंतरता-स्थिरता-दृढ़ता-अखंडता-प्राकाष्ठा बारे राजनीती व् धर्मनीति से अलग व् समानांतर बनाया जाने वाला आइडियोलॉजिकल थिंकटैंक सोशल प्रेशर ग्रुप, जिसकी कमांड एक पीढ़ी के बाद दूसरी पीढ़ी (इस कांसेप्ट बारे सबसे जागरूक-सेंसिटिव व् डेडिकेटेड ग्रुप) को एक उत्तराधिकार के रूप में सौंपी जाती है|
सर बोले कि बिहारी देखे, बंगाली देखे, मराठी-तमिल-सिख-मुस्लिम-ईसाई सब देखे| सबने अपनी किनशिप कन्फर्म कर रखी हैं जिनमें गैर-धर्मी या गैर-एथनिसिटी वाले पंख भी नहीं मार सकते, पैर भी नहीं धर सकते| परन्तु हम हरयाणवी इस बारे अभी तक सबसे विखंडित हैं, बेगोल हैं, नॉन-सीरियस हैं| जब दिव्या ने बताया कि आपने यह पहलु विदेश में बैठे हुए भी आठ-दस साल के लगभग वक्त से इतने व्यापक स्तर पर उठाया हुआ है तो अंदर एक रौशनी हुई, तो बात करने का मन हुआ आपसे; इससे पीछे मत हटना कभी| याद रखना अपने बुढ़ापे के लिए हर तरह की इज्जत-शौहरत-ताकत-दौलत-बुलंदी के साथ आप वह 'किनशिप' कमाने जा रहे हैं जिसके लिए हम लोगों तक को इस उम्र में आकर कमी महसूस होती है| काश हम यह किनशिप जारी रख पाते, इसको टूटने नहीं देते तो हरयाणा में फरवरी 2016 शायद ही होता|
Honorable sir, with due respect and honour to your visionary guidance; your words shall always work for me on this path as cement does in holding a building.
अपने बुजुर्गों से बात करते रहिये, चाहे वह गाम-खेड़े में बसते हों या शहरों की RWAs में|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
सर ने बताया कि बेटा वक्त की कमी कहो या शहरों में आने के चलते गाम-खेड़ों से हमारा कटाव कहो या उचित मौके नहीं बन पाए या नहीं बना पाए कहो परन्तु यह कमी हमें सालती रही कि हमारी 'किनशिप' कहीं पीछे छूट गई है|
परन्तु जब प्रोफेसर दिव्याज्योति के जरिये आप बारे जाना तो आपसे बातें करने का मन हुआ| आप एक बहुत ही अहम् छूटा हुआ पहलु आगे बढ़ा रहे हो, इसको विशालतम स्तर तक लेकर जाना| क्योंकि हर कामयाबी-शौहरत का अंत हासिल यही है कि अगर आपने जीवन में अपनी 'किनशिप' को कंटिन्यू नहीं रखा तो बुढ़ापे में आपको यह चीज खासी सालती है|
किनशिप का अर्थ: आपके जेनेटिक्स-जनरेशन-कस्टम-कल्चर-भाषा-सोशल आइडेंटिटी व् उसके रुतबे की निरंतरता-स्थिरता-दृढ़ता-अखंडता-प्राकाष्ठा बारे राजनीती व् धर्मनीति से अलग व् समानांतर बनाया जाने वाला आइडियोलॉजिकल थिंकटैंक सोशल प्रेशर ग्रुप, जिसकी कमांड एक पीढ़ी के बाद दूसरी पीढ़ी (इस कांसेप्ट बारे सबसे जागरूक-सेंसिटिव व् डेडिकेटेड ग्रुप) को एक उत्तराधिकार के रूप में सौंपी जाती है|
सर बोले कि बिहारी देखे, बंगाली देखे, मराठी-तमिल-सिख-मुस्लिम-ईसाई सब देखे| सबने अपनी किनशिप कन्फर्म कर रखी हैं जिनमें गैर-धर्मी या गैर-एथनिसिटी वाले पंख भी नहीं मार सकते, पैर भी नहीं धर सकते| परन्तु हम हरयाणवी इस बारे अभी तक सबसे विखंडित हैं, बेगोल हैं, नॉन-सीरियस हैं| जब दिव्या ने बताया कि आपने यह पहलु विदेश में बैठे हुए भी आठ-दस साल के लगभग वक्त से इतने व्यापक स्तर पर उठाया हुआ है तो अंदर एक रौशनी हुई, तो बात करने का मन हुआ आपसे; इससे पीछे मत हटना कभी| याद रखना अपने बुढ़ापे के लिए हर तरह की इज्जत-शौहरत-ताकत-दौलत-बुलंदी के साथ आप वह 'किनशिप' कमाने जा रहे हैं जिसके लिए हम लोगों तक को इस उम्र में आकर कमी महसूस होती है| काश हम यह किनशिप जारी रख पाते, इसको टूटने नहीं देते तो हरयाणा में फरवरी 2016 शायद ही होता|
Honorable sir, with due respect and honour to your visionary guidance; your words shall always work for me on this path as cement does in holding a building.
अपने बुजुर्गों से बात करते रहिये, चाहे वह गाम-खेड़े में बसते हों या शहरों की RWAs में|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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