Friday, 19 August 2022

ठीक-ठीक लगा यार; क्यों पुरखों के कल्चर का बेखळखाना बनाने पे तुले हो?

अभी दो दिन पहले राखी मना के हटे हो, और आज उन्हीं बच्चों को रासलीला वाली ड्रेसेज पहना के BF-GF बना के मटकियां फुड़वा भी रहे हो? चाहते क्या हो अपने कौम-कल्चर से आप ऐसे लोग?

कृष्ण, ने उसकी बहन सुभद्रा, उसकी बुआ (जाटों में बुआ सगी हो या मुंहबोली, बरतेवा दोनों अवस्थाओं में सगी वाला करते हो या नहीं?) कुंती के लड़के अर्जुन के साथ भगाई थी; क्या चाहते हो कल को आपकी बहन-बेटियां भी आपको अपनी बुआ-बाहणों के लड़कों के साथ भगाणी हैं क्या?
जाटों में ऐसे उल्टे काम जो भी कर दे, जाट समाज उसको या तो समाज से बाहर कर देता है या उसको उसके हालातों पे छोड़ देता है; ऐसे लोगों को जाट सभ्यता आदर्श नहीं बनाती, ना मानती| अगर यह किसी अपने का ही पुरखा भी रहा है तो भी इसको इसके हाल पे छोड़ देने लायक है, सर पे धरने लायक नहीं| यह सिस्टम फंडियों में चलता है कि माँ की हॉनर किलिंग करने वाले को भगवान बना के रखते हों, म्हारे नहीं| म्हारे हॉनर किलिंग करने वाला हो या अपनी बहन को अपनी बुआ के लड़के के साथ भगाने वाला; वह समाज से या तो गिराया जाता है अथवा उसके हालात पे छोड़ दिया जाता है|
ठीक-ठीक लगा यार; क्यों पुरखों के कल्चर का बेखळखाना बना दिया या बनाने पे तुले हो? जाट वाली अणख बिलकुल मर ली क्या, यह फंडी ही रह गए क्या कि यह जो भी उल्टा-सुल्टा बोलेंगे; वही करते जाओगे? क्यों धक्के से शुद्रमती हुए जाते हो!
जय यौधेय! - फूल मलिक

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