Thursday, 10 October 2024

ठगी बाजार की सैर!

सरकार बीजेपी की बनी है, कांग्रेस हारी है लेकिन कोई उत्सव बीजेपी भी नहीं मना पा रही है। पहली बार देख रहा हूं कि जो जीत गए है वो भी डर में है और जो हारे वो सदमे में हैं कैसे हारे। कल तक बीजेपी के लोग अपनी 20 सीट भी नहीं बता रहे थे और वो अपने नए नए नायक खडे कर रहे हैं, जिनको बीजेपी चुनाव में लाने तक में शर्म महसूस कर रही थी।

आज बीजेपी के पास सिर्फ नंबर हैं, सच्चाई ये है कि जितने वोट आपको लोगों ने दिए हैं उससे कहीं ज्यादा लोगों ने आपके खिलाफ वोट किया है। अकेले कांग्रेस को आपके बराबर के वोट मिले हैं। आप निर्दलीय को खडा करके, झूठे नैरेटिव बनाकर, अपनी खामियों को छिपाकर चुनाव जीते हैं। देवेंद्र कादियान, सावित्री जिंदल, राजेश जून आपकी छल प्रपंच की जीती जागती मिसालें हैं। आपके पास धनबल और छलबल था और उसे आपने जनबल को हरा दिया, बस ही है इस चुनाव का नतीजा।
बीजेपी की टोल आर्मी मुझ पर दबाव बना रही है, मुझे कोस रहे हैं कि मैं माहौल बीजेपी के खिलाफ बताता था? क्या गलत था? था, माहौल बीजेपी के खिलाफ था लेकिन बीजेपी ने लोगों से वोट की ठगी कि और वो लोग समझ नहीं पाए तो उसमें किसी गलती बताई जाएगी? बीजेपी के लोग खुद मान रहे थे कि लोग उनको नहीं चुनेंगे? बेचारे लोग ही नहीं समझ पाए तो उसमें भी हमारी गलती है क्या? चारसौ पार बीजेपी बोल रही थी कि हमारी सीट आएगी, कम आई तो प्रधानमँत्री ने देश से माफी मांगी थी क्या? क्या पोल वालों ने माफी मांगी है? क्या चैनल वालों ने माफी मांगी है?
कांग्रेस तो हारने ही लायक है, वो आपस में में ही लडते रहते हैं उनका तो हश्र ही यही होना है, लेकिन जो वोट की ठगी बीजेपी ने जनता के साथ की है उसका जवाब जनता मांगेंगी। बीजेपी से जो सवाल जनता के चुनाव से पहले खडे थे वो आज भी खडे हैं ज्यों के त्यों। क्या हालत होगी उस दलित वोटर की जो बात तो मनुवाद से लडने की करता है, लेकिन उसको चुनाव में दूसरी जाति का डर दिखाकर कथित मनुवादियों को ही वोट डलवा दिया गया। जब उसे होश आएगा तो चिंघाड मारकर रोएगा वो।
वो किसान अहीर बेचारा गंठे के साथ रोटी खाता है उसके बिगडैल बेटे सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ सवाल उठाने वाले को कोस रहे हैं, जबकि सच्चाई ये कि अहीर कम्यूनिटी के पल्ले भी कुछ नहीं आएगा क्योंकि राजा साहब की जिंदगी हमेशा ठाठ की रही है तुम्हें हाथ कुछ नहीं लगना।
मैनेजमेंट से बीजेपी जीती है लेकिन हरियाणा में कानून व्यवस्था, रोजगार, आधारभूत ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य के मुद्दे आज भी ज्यों के त्यों हैं। बीजेपी की टोल आर्मी मेरे पीछे लगाने से क्या मैं रूक सकता हूं? कांग्रेस मरे मर जाने दो, मैं हरियाणा का स्थाई विपक्ष हूं, मैं सवाल पूछूंगा? हर रोज पूछंगा, हर दिन पूछूंगा। सवाल पूछना काम है मेरा।
अरे मान लिया जाट मुख्यमंत्री नहीं बना लेकिन मूर्खों तुम्हें तो वही गंठा फोडकर रोटी खानी है। तुम कौनसे बिडला हो गए हो। जाट कम्यूनिटी तो अपनी जितनी जमीन उसके पास बची है केवल वही बचा ले गई तब भी उनका कुछ नहीं उखडा लेकिन तुम्हारा कुछ नहीं बचना है।
गोरख पांडे की एक कविता है
वे डरते हैं
किस चीज़ से डरते हैं वे
तमाम धन-दौलत
गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज के बावजूद?
वे डरते हैं
कि एक दिन
निहत्थे और ग़रीब लोग
उनसे डरना बंद कर देंगे।

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