Fandi स्पोंसर्ड एक "बर्बादीकिसान" ग्रुप "खाप-खेड़ा-खेत कल्चर-किनशिप" के महापुरुषों को शौर्यहीन करने पर लगा हुआ है व् इसी कड़ी में उन्होंने निशाना बना रखा है सर छोटूराम को| फैलाते फिर रहे हैं कि क्यों सर छोटूराम ने अंग्रेजों के लिए जाटों को उनकी फ़ौज में भर्ती करवाया था? व् इसी बिंदु का ओहड्डा ले के वह सर छोटूराम को अंग्रेजों का पिट्ठू बरगलाते फिर रहे हैं|
इनको यह सलंगित वीडियो भेजें, इसमें प्रख्यात दार्शनिक डॉक्टर हिम्मत सिंह सिन्हा जी बता रहे हैं कि क्यों सर छोटूराम ने ऐसा किया था| डॉक्टर सिन्हा के अनुसार सर छोटूराम ने अगत भांप ली थी कि अगर अंग्रेजों की बजाए हिटलर का साथ दिया गया तो अंग्रेज जाएंगे व् नाजी यहाँ आ जाएंगे| जबकि अंग्रेजों की हालत वैसे ही पतली हुई पड़ी थी, उन दिनों|
वह तो शुक्र है कि हिटलर मारा गया, वरना इस बात से कौन इंकार कर देगा कि ऐसा नहीं हो सकता था अगर हिटलर जिन्दा रहता व् वह जीत भी जाता तो; इंडिया पर वह अपना कब्जा जमाता?
इस बात से नेता जी सुभाषचंद्र बोस के निर्णय पर बात करना बनता है कि क्या फिर नेता जी सही थे, जो हिटलर का साथ दे रहे थे; या वह हिटलर को सिर्फ इस्तेमाल कर रहे थे; अंग्रेजों व् नाजियों की लड़ाई का फायदा उठा कर? खैर, ना तो उस वक्त नेता जी ही बचे व् हिटलर भी आत्महत्या कर गया; अन्यथा दोनों जिन्दा होते तो संभावना थी कि सर छोटूराम वाली बात ज्यादा सच साबित होती|
Jai Yaudheya! - Phool Malik
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