इतने दिन दुसरों का बेवकूफ बनाने इन लोगों (क्योंकि जब अपनों पर इसके दुष्प्रभाव पड़े तो बोले, अन्यथा धंधा इसी से आ रहा है/था; इसलिए ऐसे दोगले रवैये को ही फंडीपन कहा जाता है व् ऐसा रवैया रखने वालों को ही पुरखों ने फंडी कहा है; व् यह हर जाति में हो सकते हैं, फ़िलहाल उदाहरण उनका है, जिनकी यह वीडियो है; हालाँकि यह जागरूक लोग लगते हैं, परन्तु यह फंड फैलाने में इन्हीं के भाई-बंधु अग्रणी मिलते हैं) को जब ख़ुद के फैलाए अंधविश्वास और पाखंड का दुष्प्रभाव अपने समाज के युवक-युवतियों पर दिखने लगा तो अपनी सभा में खुद कबूल किया कि कुंडली, पत्रिका या मंगली, कुछ नहीं होता। इधर जागरूक लोग फंडियो के फैलाए अंधविश्वास और पाखंड का विरोध करते है,तो किसान कमेरे वर्गों के फंडियो के मानसिक गुलाम बने चरण वंदक जागरूक करने वालों के साथ बत्तमजी करते है। अब तो आपको अंधविश्वास और पाखंड में डालने वाले खुद ही इसको अस्वीकार कर अपने बच्चों की शादी करने हेतु इन चीजों को नहीं मानने को कह रहे हैं तो आप क्यों नहीं करते ऐसा?
अपने कल्चर के मूल्यांकन का अधिकार दूसरों को मत लेने दो अर्थात अपने आईडिया, अपनी सभ्यता और अपने कल्चर के खसम बनो, जमाई नहीं!
Tuesday, 25 March 2025
Saturday, 22 March 2025
औरंगजेब का गुनाह ये था कि उसने
*औरंगजेब का गुनाह ये था कि उसने*
अपने पिता को मरते समय तक कैद करके रखा था..!!!
वह तो औरंगजेब था लेकिन ये लोग कौन थे????
1.सम्राट प्रसेनजीत को उनके बेटे ने विश्वासघात कर उन्हें कैद किया।
2.बिम्बिसार को उनके पुत्र अजातशत्रु ने कारागार में मार डाला।
3. अजातशत्रु का वध उसके पुत्र उदयभद्र ने किया।
4.उदयभद्र की हत्या उसके पुत्र अनिरुद्ध ने की।
5.अनुरुद्ध की हत्या उसके पुत्र मुंड ने की।
6.मुंड की हत्या उसके पुत्र नगदसक ने की
7.समुद्रगुप्त के पुत्र रामगुप्त की हत्या छोटे भाई चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य ने की।
8.अशोक अपने भाइयों को मार कर गद्दी पर बैठे।
9.पांडव अपने सारे भाइयों को मारकर गद्दी पर बैठे।
10.राणा सांगा के पिता राणा उदय सिंह प्रथम ने राज्य के लिए अपने पिता राणा कुंभा की प्रातः काल मंदिर में धोखे से पीछे से वार करके हत्या की थी।
11. राणा सांगा ने अपने 2 बड़े भाइयों की हत्या कर शासन पर कब्जा किया!
12. /13. सुग्रीव और विभीषण के उदाहरण भी इसी सूची के तहत आते हैं; परन्तु वह मैथोलॉजिकल चरित्र ज्यादा हैं व् वास्तिकता से परे हैं| ऐसे ही पांडवों का उदाहरण है, वह भी मैथोलोजिक्ल चरित्र हैं।
इति सिद्धम्! सबके कुछ ना कुछ उस समय अपने अपने मसलात रहे होंगे राजी खुशी कोई ऐसे काम नहीं करता।
*Note:* इस लिए इतिहास और धर्मस्थल ज्यादा न खोंदें....अन्यथा बुद्ध निकलेंगे और फिर बहुत कुछ ऐसा भी निकलेगा जिसके जवाब न मिलेंगे... इसलिए बेहतर शिक्षा..! बेहतर चिकित्सा..!.. बेहतर अर्थव्यवस्था..! नौकरियों..! रोजगार.! व्यापार.! बच्चों के भविष्य के लिए खड़े हों... अपना भविष्य न खोदें..!!! वरना नफरतियों के बालक विदेश में पढ़ेंगे और तुम्हारी औलादें टपकती छतों वाले स्कूलों में!
Friday, 14 March 2025
Guru Nanak Dev Ji was a Jat - as "The Sikhs" Book by Sir John. J.H. Gordon written in 1902
The Sikhs
Thursday, 13 March 2025
आखिरकार सातवीं सदी के चच-दाहिर के राज से ले के आज के बीजेपी-आरएसएस के राज तक, फंडियों ने अपनी दुर्गति देश के खाते में लिखने की परम्परा को कितनी सिद्द्त से निभाया है!
कुछ नहीं बदला फंडियों की थ्योरी-फिलोसॉफी व् 25% अक़्ली विजन में सातवीं सदी के चच-दाहिर के राज से ले के आज के बीजेपी-आरएसएस के राज तक! 4-5 पीढ़ियां लगा के 100-50 साल लगा के येन-केन-प्राकेण सत्ता पर काबिज होते हैं व् फिर वही ढाक के तीन पात; इनकी थ्योरी की यह जन्मजात 'गुलामी' की मानसिकता शायद ही रहती दुनिया तक भी कुत्ते की दुम सीधी नहीं होती की तर्ज पर कभी ही पीछा छोड़े! वह कैसे जरा नीचे पढ़िए व् वीडियो देखिए!
'मैं देश नहीं बिकने दूंगा' इसने जिस दिन से बोलना शुरू किया था; मेरे जैसों ने उसी दिन से मानना शुरू कर दिया था की देश को बेचेगा ही यह| और इस बेचने की पहले शुरुवात हुई अडानी-अम्बानी-टाटा आदि जैसों को सारा सरकारी तामझाम बेचने से; और अब स्टारलिंक की एंट्री के जरिए, देश को अमेरिका को बेचने से| अभी जो यह बिना invite के खुद अपॉइंटमेंट ले के भागा-भागा oval ऑफिस वाइट हाउस गया था; उस दिन किन-किन समझौतों पे साइन करके आया है व् स्टारलिंक की एंट्री को पुण्यप्रसून जैसे भारत की आर्थिक गुलामी की शुरुवात कहने लग गए हैं; देखें ऊपर वाली वीडियो में; अभी आगे और क्या-क्या बिकने वाला है अमेरिका के हाथों! जिस दिन से यह नारा लगाया था कि 'मैं देश नहीं बिकने दूंगा' उस दिन से शुरू हुई आंतरिक आर्थिक गुलामी का स्टारलिंक के जरिए, "बाह्य गुलामी" में बदलने की शुरुवात बता रहा है पुण्यप्रसून|
वर्णवाद थ्योरी 25% अक़्ली व् 75% बेअक्ली थ्योरी है; जब तक व् जब-जब इससे बचोगे, देश तरक्की करेगा; व् जब-तब इसके चंगुल में फंसोगे देश गर्त में जाएगा ही जाएगा; 100 साल लगा के, 4-5 पीढ़ियां खपा के 25% अक़्ली आरएसएस वालों ने अंतत: अपनी गति पा ही ली! क्योंकि चार वर्ण में खुद को बाँट के चलते हैं, तो खुद को व् बाकियों में भी 25% अक़्ल ही तो छोड़ते हैं; बाकी 75% जिसको यह स्वघोषित खट्टर ताऊ वाली 'कंधे से ऊपर की मजबूती कहते हैं'; वह तो manipulation-polarisation, इस बनाम-उस वाली बेअक्ली के कुछ है ही नहीं!
जय यौधेय! - फूल मलिक
सोर्स: https://www.youtube.com/watch?v=RxpzNbF43lg
Saturday, 8 March 2025
DSC में फैलाई जा रही फंडियों द्वारा जाट के नाम की दहशत:
*DSC में फैलाई जा रही फंडियों द्वारा जाट के नाम की दहशत:*
और इसमें वह पोलिटिकल पार्टीज भी खासा ध्यान देवें, जिनको कल को हरयाणा की सत्ता चाहिए!
बात ये है कि फंडियों के सबसे बड़े ग्रुप के प्रचारकों द्वारा आजकल ग्राउंड पर हरयाणा विधानसभा चुनाव से नए उपजे DSC वर्ग को जाटों के खिलाफ खड़ा करने हेतु, कुछ इस तरीके की बातें उनके कानों में फूंकी जा रही हैं:
1 - 29 मार्च के बाद से कलयुग के खत्म होने का आगाज हो रहा है, व् प्रलय आने वाला है; जो कि सनातन धर्म के विघटन व् संहार की तरफ इशारा कर रहा है; जिसमें कि हमको सबसे बड़ा खतरा जाट से ही है| अत: आपको जाटों से हमारी रक्षा करनी होगी| और वह रक्षा होगी, हमें वोट करते रहने से व् जाट के विरुद्ध हमारा कवच बनने से|
2 - किसान आंदोलन में देख लिया ना कैसे जाटों ने सनातन धर्म के उच्च कुलीन वर्ग को गालियां दी, राकेश टिकैत ने मंदिरों को डांट भी लगा दी थी कि जब गुरद्वारे-मस्जिद किसान आंदोलन में लंगर लगा रहे हैं तो मंदिर क्यों नहीं? तो इस बात के आक्रोश में जाटों में नीचे-नीचे अभी भी दर्द है व् यह दर्द किसी भी दिन फटेगा, तो आप DSC वाले वीरों को ही इन जाटों से हम निर्बलों की रक्षा करनी होगी|
3 - जाटों ने तुम्हें हमेशा तंग किया है, तुम्हारे साथ अन्याय किया है; कभी तुम्हें सम्मान नहीं दिया; इसलिए भी इनसे बदला लेना चाहते हो तो हमारे रक्षक बनो; हम तुम्हें शरण देंगे, उचित सम्मान देंगे|
व् ऐसी ही अन्य तमाम तरह की बेहूदगियों से DSC वर्ग को जाट से काट कर, उसके खिलाफ करने की ग्राउंड पे वर्कशॉप्स, गुप्त-मीटिंगे, बैठकें चल रही हैं| यह रिपोर्ट दो-तीन गांव से आई है व् इसका फैलाव जारी है|
जबकि सच्चाई यह है कि DSC एक ऐसा वर्ग है, जिसका जाट जितना मान-सम्मान-रोजगार का बंदोबस्त किसी ने नहीं करके दिया कभी से; फंडी तो इतने भी नहीं कि DSC वालों को मंदिरों में सम्मान से पूजा तक करने देवें| परन्तु अब यह इस बात का ढोंग भी कर रहे हैं कि देखो मंदिरों में तुमको उचित सम्मान व् समरसता हम दे रहे हैं|
ऐसे में हर वह जाट या जाट जैसी सोच वाला किसी भी अन्य वर्ग-जाति-धर्म का इंसान; इस बात को समझे कि यह कितना खतरनाक जहर है और इसकी काट के लिए सरजोड़ कर काम करना शुरू कीजिये; उसके लिए निम्नलिखित तरीके अपनावें:
1 - जितने भी व्हाट्सएप्प पर फंडियों के ग्रुप्स व् DSC ग्रुप्स जिनमें फंडी घुसे बैठे हैं; उनमें आप भी एंट्री लीजिये; वहां दो चीजें कीजिये; एक तो जाट के खिलाफ सीधे जाट का नाम ले कर, या कवरिंग वर्ड्स जैसे कि "हरयाणा के दबंग", "किसान आंदोलन वाले", "सबसे बड़े जमींदार" आदि शब्दों के प्रयोग हो कर ऎसी बातें हो रही हों, तो उनके स्क्रीनशॉट्स ले के सुरक्षित सेव कर लें, व् आप-हम जैसे समान विचारधारा वालों से उनको साझा करें| दूसरा यह पहचानें कि वहां उस ग्रुप में ऐसी बातों का विरोध करने वाला कौन है; उसको व्यक्तिगत रूप से कांटेक्ट करें व् इस पर विचार करवाएं कि उस ग्रुप में इन बातों को कैसे रोका जाए|
2 - आपके गाम में DSC ग्रुप्स में जितने भी ख़ास मित्र प्यारे हैं विश्वसनीय हैं; उनसे इस प्रोपगैंडा बारे प्राइवेट या विश्वस्त साथियों के समूह में चर्चा करें; पहले उनको ऊपर बताए तरीके से जाट बारे उनके प्रति ईमानदारी व् इंसानियत के पुरखों द्वारा बरते सिद्धांत बताएं व् फिर उनसे कहें कि आगे कोई ऐसी बात करने, व्यक्तिगत रूप से आवे, कॉल करे या ग्रुप्स में बात करे तो उनके स्क्रीनशॉट ले लेवें, रिकॉर्डिंग कर लेवें व् आप से साझी करें|
इसके अतिरिक्त आपको मौके के अनुसार जो जतन सही लगे उसको अपना के इन चीजों को रुकवाएं| और इसको करने के लिए आप गाम में हों, शहर में या विदेश में; जहाँ बैठे हो वहीँ से अपने सर्किल को एक्टिवेट करके यह कार्यवाही करें; परन्तु खुद का बचाव पहले जरूर बरतें|
और इसमें वह पोलिटिकल पार्टीज भी खासा ध्यान देवें, जिनको कल को हरयाणा की सत्ता चाहिए! पोलिटिकल पार्टी भी इस बारे इस तरह के कुछ हल कर सकती हैं; अब पांच साल हाथ पे हाथ धर के बैठे रहोगे व् इलेक्शन के 3 महीनों में सब आपके पक्ष का बन जाए, ऐसा नहीं होने वाला है! अभी से काम पर लगाइए अपने कैडर को|