इस मूवी को ले के जिस इंसान का दिया review प्रस्तुत कर रहा हूँ, अक्सर मुझे ना तो इसकी बातें पसंद आती हैं और ना ही इसका व्यवहार| परन्तु शायद यह फिल्म ही इतनी बड़ी बकवास थी कि मुझे पहली बार कमाल खान का किया analysis इस फिल्म से ज्यादा पसंद आया आप भी देखें, क्यों?
A rightly and firmed slap on the makers of this totally nonsense flick!
धन्यवाद कमाल खान आपने मेरी मेहनत बचा दी, वर्ना मुझे मेरी स्टेट को इस बकवास फिल्म के विरुद्ध बचाने में एक लम्बा लेख लिखना पड़ता| मतलब एक ऐसी स्टेट जो 1947 में बॉर्डर के उस पार से आये से ले के (ध्यान दें, वो अधिकतर इसी NH10 पे बसे हैं), 1984 में सिख दंगों से तंग हो के पंजाब से हरियाणा के जीटी रोड पे आन बसे और अब तीन दशक से असमी-बिहारी-बंगाली सबको रोजगार दे रही है, वो इतनी खूंखार बना के पेश की जा रही है| और इसपे भी अचम्भा तो यह कि इस हरियाणा में इन्हीं लोगों के अनुसार इतने अत्याचारी लोग होने के बावजूद भी पूरे देश, यहां तक कि मुंबई-महाराष्ट्र छोड़ के भी लोग इधर ही क्यों रोजगार कमाना, बसना, आशियाना बनाना पसंद करते हैं? कमाल तो यह है कि इनमें (यहीं रोजी-रोटी पाने वाले) से कोई हरियाणा का कुछ पॉजिटिव बोलने को तैयार नहीं|
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