Friday, 21 August 2015

"गलियों के राष्ट्रभक्तों" की सरकार में "बॉर्डर के राष्ट्रभक्तों" की होती दुर्गति। - OROP Row

वर्तमान सरकार को फौजियों की सुननी चाहिए और बात-बात पे "भारत माता की जय" के जयकारे लगाने वालों को भारत माता के प्रथम व् असली सपूत यानी फौजियों की मांग को पहली कलम से पूरी करना चाहिए। वर्ना भाई भारत माँ के प्रथम सपूतों का यह हाल और वो भी भारत माता की जय बोलने वालों के राज में देख के तो यही लगता है कि आप लोगों और आपके सरदार के लिए "भारत माता की जय" भी एक जुमला ही है सिर्फ।
इसी से पता चलता है कि आपको वास्तविक राष्ट्रभक्ति की यानी बॉर्डर की राष्ट्रभक्ति की कितनी तो समझ है और कितना उसके प्रति इज्जत और जज्बा!

आप लोगों को समझना चाहिए कि कच्छाधारी बन, हाथों में लठ ले गलियों में मार्चपास्ट करने से ही कोई राष्ट्रभक्त कहलाता तो आधी रात को हाथ में लाठी ले देश की गलियों में चौकीदारी करते हुए "जागते रहो!" का हल्कारा लगाने वाले चौकीदार सबसे बड़े राष्ट्रभक्त कहलाते।

फिर भी राष्ट्रभक्त की परिभाषा के कुछ नजदीक लगने जैसा दिखना है तो OROP पे सकारात्मक कदम ले के दिखा जा सकता है, वरना वही कि "भारत माता की जय" भी आप लोगों के लिए एक जुमला है, जनता ऐसा ही समझने लगेगी।

वैसे ताज्जुब की बात एक यह भी है कि असली लठमार्का यानी जाट जब लठ उठाते हैं तो आप लोग यह क्यों चिल्लाने लगते हैं कि जाटों को तो लठ के सिवाय दूसरी भाषा ही नहीं आती। तरोताजा उदाहरण जाट आरक्षण मामले में हरयाणा में जाटों द्वारा लठ उठाने की घोषणा करने के बाद आपके लोगों की तरफ से आ रहे बयानों में साफ़ देखा जा सकता है। जैसे खुद आप तो जब लाठियां ले कच्छों में परेड करते हैं तो वो लठ फूल बन जाते हैं। यह भी एक समझने वाली बात है कि जाट जब लठ उठाये तो लठैत और बिना किसी युद्ध घड़ी के एविं अंग्रेजों के जमाने के अंग्रेजों वाले कच्छे पहन आप लोग परेड करें तो राष्ट्रभक्त। शायद आपको भी पता है कि आप जो लठ उठाते हो वो बस सामने वाले को डराने के लिए, परन्तु लठमार्का यानी जाट जब लठ उठाता है तो वो जरूर किसी का भोभरा खोल के ही वापिस रखता है।

खैर यह तो लठ की बात चली तो बीच में जिक्र आ गया, मुख्य बात यही है कि राष्ट्रभक्त भाईयो अगर आप चाहते हो कि "भारत माता की जय" भी एक जुमला मात्र साबित ना हो जावे, तो आप सबसे विनती है कि भारत माता के असली व् प्रथम सपूत यानी हमारे सम्मानीय सैनिकों की OROP की मांग को अपनी सरकार से पूरी करवा दो।

वर्ना कहीं ऐसा ना हो कि यह "राष्ट्रभक्त और राष्ट्रभक्ति" शब्द भी जुमले कहलाये जानें लगें।

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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