यह था उस काल का “राजपूत-जाट भाईचारा”-
“शेखावतों के सहायक जाटों ने आगे बढ़कर शत्रु सेना पर प्रथम आक्रमण किया
झूलना
पहली तोपखाना सारां दाग दिया, गई होय दिन सूं रात जी
गोळी तीर नेजां की तो मार पड़े, रोकी जाय रेवाड़ी की की बाट जी
केते मारे मरे जो अहीर ही के, चली जाय दिल्ली कुं जो खाट जी
दोनुं फोज मचकी संभुराम सैंकड़ायत', मांय आया काम घणां जाट जी ॥ 51 ।।
चलत
पैली राड़ लई जाट, रोकी रेवाड़ी की बाट, चली खाट ऊपर खाट* मांची किलकारी है* ।
लडै बैंदराबन' नहिं ओलै राखै तन, संभुराम जी को मन महाराज को उमीर है ।
लडै काळेखान जहाँ चलै जंगी बान, लडै रामदत्त* जो धरत नहिं धीर है ।
लडै मित्रसेण जॅह जोगनी चखेहै श्रोण, पडै गोळन की मार-लडै साथ के अहीर है। 52 ।।
झूलना
सूरसिंघ" कहै संभुरामजी’ सू, मचकी जाट की फौज उसील जी ।
खड़ा मत देखो अब जंग कानी, जाट काम आया घणां डील" जी ।
येती वात सुणी रजपूत बांका, लागा नहिं पलक की ढील जी ।
बाजै जोर जूझाऊ नगारखाना, पेला जद नीसाण का फील" जी ॥ 53 ।
-----------------------------
शब्दों के अर्थ : र्दैई दार=सम वयस्क ।, अति साज=सन्नद्ध होकर ।, कोर=रक्षा की सुदृढ़ पंक्ति । तुरकी=तुरक देश का घोड़ा।, ताजी=अरबी घोड़ा।, कुमेत-घोड़े का एक रंग । , लीला=सब्जा, घोड़े का एक रंग । , खोल तणी=बंद या बंधन ढीले कर दिये, खोल दिये । , रामचंगी=लम्बी तोड़ादार बंदूकें । , रहकळा=ऊँटों पर या गाड़ियों पर लादकर चलाई जाने वाली छोटी नाल की तोपें ।, जम्बूर=जुजरवा, एक प्रकार की छोटी-छोटी तोपें ।, सैंकड़ायत=संकीर्ण स्थान, बीच में आ जाना, दबजाना। , खाट ऊपर खाट=लाशों पर लाश गिरने लगी । , माँची किलकारी है=कोलाहल मच गया । , बैंदराबन=जयपुर नरेश की सेना का एक योद्धा जो संभुराम कानूंगो का कोई सम्बन्धी था , रामदत=मित्रसेण की सेना का अहीर योद्धा । , सूरसिंघ=चिराणा के ठाकुर भारमल के पुत्र और जयपुर की सेना के सेनापति । संभुरामजी=सेनाओं को वेतन चुकाने वाला-जयपुर राज्य का एक अधिकारी। , घणां डील=बहुत योद्धा ।, फील=हाथी।“
स्रोत : मांडण युद्ध, लेखक : ठाकुर सुरजन सिंह शेखावत, झाझड़
शब्दों के अर्थ : र्दैई दार=सम वयस्क ।, अति साज=सन्नद्ध होकर ।, कोर=रक्षा की सुदृढ़ पंक्ति । तुरकी=तुरक देश का घोड़ा।, ताजी=अरबी घोड़ा।, कुमेत-घोड़े का एक रंग । , लीला=सब्जा, घोड़े का एक रंग । , खोल तणी=बंद या बंधन ढीले कर दिये, खोल दिये । , रामचंगी=लम्बी तोड़ादार बंदूकें । , रहकळा=ऊँटों पर या गाड़ियों पर लादकर चलाई जाने वाली छोटी नाल की तोपें ।, जम्बूर=जुजरवा, एक प्रकार की छोटी-छोटी तोपें ।, सैंकड़ायत=संकीर्ण स्थान, बीच में आ जाना, दबजाना। , खाट ऊपर खाट=लाशों पर लाश गिरने लगी । , माँची किलकारी है=कोलाहल मच गया । , बैंदराबन=जयपुर नरेश की सेना का एक योद्धा जो संभुराम कानूंगो का कोई सम्बन्धी था , रामदत=मित्रसेण की सेना का अहीर योद्धा । , सूरसिंघ=चिराणा के ठाकुर भारमल के पुत्र और जयपुर की सेना के सेनापति । संभुरामजी=सेनाओं को वेतन चुकाने वाला-जयपुर राज्य का एक अधिकारी। , घणां डील=बहुत योद्धा ।, फील=हाथी।“
स्रोत : मांडण युद्ध, लेखक : ठाकुर सुरजन सिंह शेखावत, झाझड़
1 comment:
But sir is baat ko to bite kaafi time ho chuka aaj ke date mein isko revive kaise karen.
Anyway, much thanks to you as you are doing marvellous job.
Post a Comment