Saturday, 31 October 2015

जाट-जट्ट अलग कब कैसे हुए?

बंटना बहुत आसान है और हमें बांटने वाले भी तैयार बैठे है | जाट जाति के साथ ऐसा ही हो रहा है , कभी कोई इन्हें धर्म के नाम पर बाँट देता है तो कभी कोई बोली क्षेत्र के आधार पर और ये बावले जाट बांटने वालों की मान बहुत जल्दी बंट भी जाते है | कभी कोई आएगा और इनसे कहेगा तुम जाट पंजाब के जट्ट से अलग हो , तुम जाट हो वो जट्ट है और ये बावले मान भी लेते है , यह नहीं सोचते की यह सिर्फ उच्चारण का फर्क है | ये बावले कभी इतिहास में झांक कर नहीं देखते है , इतिहास में झांक कर देखोगे तो पाओगे की हमारी जितनी भी छोटी बड़ी जाट / जट्ट रियासते थी सबकी आपस में रिश्तेदारियाँ थी | उदाहरण के तौर पर -

भरतपुर रियासत की कई रिश्तेदारियाँ पंजाब के सिक्ख जाटों से थी जैसे :- महाराजा जसवंत सिंह की शादी महाराजा पटियाला की बेटी बिशन कौर से हुई , महाराजा ब्रजेन्द्र सिंह की शादी फ़रीदकोट के कुँवर गजीनद्र के बेटी से हुई , राव राजा गिरिराज सिंह मथुरा से दो बार सांसद भी रहे की शादी कपूरथला की महाराजकुमारी सुशीला देवी से हुई ...
 

धोलपुर रियासत की रिश्तेदारियाँ :- राणा भगवंत सिंह के बेटे कुलेन्द्र सिंह की शादी महाराजा पटियाला नरेंद्र सिंह की बेटी बसंत कौर से हुई , इनका एक बेटा हुआ जिसका नाम राणा

निहाल सिंह जिनकी शादी लाहौर के पास पंडरिगनेशपुर के शाह देव सिंह के बेटी से हुई , इनके बेटे राणा राम सिंह की शादी महाराजा नाभा हीरा सिंह की बेटी से हुई , इसी रियासत के राजा हेमंत सिंह महाराजा नाभा प्रताप सिंह के बेटे है जिन्हें उनके नाना ने गोद ले लिया था |
 

हाथरस रियासत :- राजा महेंद्र प्रताप सिंह की शादी जाट सिक्ख रियासत जींद की राजुकमारी बलवीर कौर से हुई |
 

जींद रियासत :- राजा रघुबीर सिंह की शादी दादरी के चौधरी जवाहर सिंह की बेटी से हुई |
 

नाभा रियासत :- राजा प्रताप सिंह की शादी धोलपुर के महाराजा राणा उदयभानु सिंह की बेटी उर्मिला देवी से हुई |

यह पूरी लिस्ट तैयार करने लगा तो बहुत लंबी हो जाएगी इसलिए मोटे तौर पर कुछ उदाहरण दिये है , कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि ये जितनी भी जाट व जट्ट सिक्ख रियासते थी इन सबकी आपस मे रिश्तेदारियाँ थी , फिर हम जाट - जट्ट अलग कब कैसे हुए और किसने किए ?

Author: राकेश सांगवान

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