Tuesday, 20 October 2015

कंधे से ऊपर की मजबूती के दूसरे (पहले खट्टर साहब हैं) ग्लोबल ब्रांड "श्रीमान अनिल विज जी" -

गाय यदि राष्ट्रीय पशु बना तो क्या होगा जरा गौर फरमाइए:

1) किसान गाय का दूध नहीं निकला सकता।
2) न गाय को पाल सकता। क्योंकि पालेगा तो उसे डंडा भी मारेगा। लेकिन राष्ट्रीय पशु को डंडा मारना तो दंडनीय जुर्म होगा|
3) किसान बैल को हल या बुग्गी में जोड़ नहीं सकता।
4) गाय को इंजेक्शन नहीं लगा सकता।
5) वैज्ञानिक भी गाय पर रिसर्च नहीं कर सकते।

और फिर जब यह सब कुछ होगा तो देखते ही देखते एक दिन हिन्दू किसान ही स्वत: गाय-बैल को पालना छोड़ देगा।

6) और इन सबसे बड़ी दुविधा अगर आपने गाय को पशु घोषित करवा दिया तो फिर भगत माँ किसको कहेंगे?
वैसे मेरे ख्याल से गाय को पशु कहने की हिमाकत करने पे भगतों द्वारा सबसे पहला बक्कल उधेड़ना तो आपका ही बनता है|

धन्य हो अंधभक्तों के सरदार तुम्हारी, गाय को मारने के लिए किसी गौ-हत्थे या किसी कसाई की जरूरत ही मिटा दी|

यार भेजा-फ्राई फिल्म बनाने वालो, Bheja Fry Part 1 और Part 2 के बाद Part -3 बनाते हुए यह तो बता देते कि Part 3 दो या तीन घंटे का नहीं बल्कि पूरे 43800 घंटे यानी पांच साल का होगा?

फूल मलिक

No comments: