1) तैत्तिरिया उपनिषद, अध्याय 4, मंत्रा नंबर 19 - "न तथ्यप्रतिमास्ति"!
2) यजुर्वेद अद्ध्याय 32, मंत्रा नम्बर 3 - "न तथ्यप्रतिमास्ति"!
अर्थात उस ईश्वर की उस भगवान की कोई प्रतिमा नहीं, कोई फोटो नहीं, कोई पेंटिंग नहीं, कोई बुत नहीं|
3) भगवद गीता, अध्याय 7, मंत्रा 20 - जिनकी इच्छाओं ने भौतिकवाद का रूप ले लिया है, वो लोग बुतपरस्ती करते हैं
4) भगवद गीता, अध्याय 7, मंत्रा 21 - अगर आप काल्पनिक और झूठे भगवानों की पूजा करोगे तो भगवान तुमको झूठे भगवानों की दुनिया के अंधकार में ही भेज देंगे|
इन हिन्दू धर्म की किताबों में साफ़ लिखा हैं कि मूर्तिपूजा गलत है परन्तु फिर भी हिंदुत्व में पसरे पाखंडी (शुद्ध स्पष्ट हिन्दू गुरुवों को छोड़ के) मूर्तिपूजा के जरिये कमाई के गोरख-धंधे चलाते हैं और वो भी इतने बड़े कि भारत के कुल सालाना बजट से ज्यादा इनका टर्नओवर रहता है|
सोचने वाले सोचते रहो कि धर्म के असली ज्ञान के साथ जीना है या धर्म के नाम पर व्यापार करने वालों द्वारा रोज-रोज उतारे जाने वाले नए-नए काल्पनिक भगवानों के साथ?
मुझे ख़ुशी है कि मैं हिन्दू धर्म की मूल भावना का अनुसरण करता हूँ और बुतपरस्ती नहीं करता|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
2) यजुर्वेद अद्ध्याय 32, मंत्रा नम्बर 3 - "न तथ्यप्रतिमास्ति"!
अर्थात उस ईश्वर की उस भगवान की कोई प्रतिमा नहीं, कोई फोटो नहीं, कोई पेंटिंग नहीं, कोई बुत नहीं|
3) भगवद गीता, अध्याय 7, मंत्रा 20 - जिनकी इच्छाओं ने भौतिकवाद का रूप ले लिया है, वो लोग बुतपरस्ती करते हैं
4) भगवद गीता, अध्याय 7, मंत्रा 21 - अगर आप काल्पनिक और झूठे भगवानों की पूजा करोगे तो भगवान तुमको झूठे भगवानों की दुनिया के अंधकार में ही भेज देंगे|
इन हिन्दू धर्म की किताबों में साफ़ लिखा हैं कि मूर्तिपूजा गलत है परन्तु फिर भी हिंदुत्व में पसरे पाखंडी (शुद्ध स्पष्ट हिन्दू गुरुवों को छोड़ के) मूर्तिपूजा के जरिये कमाई के गोरख-धंधे चलाते हैं और वो भी इतने बड़े कि भारत के कुल सालाना बजट से ज्यादा इनका टर्नओवर रहता है|
सोचने वाले सोचते रहो कि धर्म के असली ज्ञान के साथ जीना है या धर्म के नाम पर व्यापार करने वालों द्वारा रोज-रोज उतारे जाने वाले नए-नए काल्पनिक भगवानों के साथ?
मुझे ख़ुशी है कि मैं हिन्दू धर्म की मूल भावना का अनुसरण करता हूँ और बुतपरस्ती नहीं करता|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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