Thursday, 26 November 2015

राजकुमार सैनी "सूअर" कहे या "शूरवीर"; ईटीवी जैसा मीडिया इसको किस जाति पे बतावे और किसपे नहीं, इससे जाटों का क्या लेना-देना?

हम सिर्फ इतना जानते हैं कि जितना समृद्ध और खुशहाल दलित-पिछड़ा हरयाणा की धरती पर कहो या पूरी जाटलैंड पर कहो, रहा है इतना पूरे भारत में कहीं नहीं| फिर भी सैनी अपने दावों में इतना दम भरते हैं कि नहीं ऐसा ही है, तो जरा पेश करें पूरे देश दलित-पिछड़े के राज्यवार आकंड़े| बैठे-बिठाए ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा|

शायद बिहार में भी जाट ही बसते होंगे, जहां के पिछड़ों ने उनसे तंग आ के लालू को चुन लिया? क्यों सैनी महाशय सही कहा ना? या फिर जनाब ने जरूर यह बयान कहीं छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार, कर्नाटका आदि को लेकर कहा होगा, जहां के स्वर्ण दलितों को संसद तो क्या जंगलों से ही नहीं निकलने देते|

वैसे भाईयो, किसी के पास हरयाणा में जाट सीएम होते हुए कितने पिछड़े-दलित सरकार में मंत्री-एमएलए-एमपी रहे, किसी भाई के पास इसकी एनालिटिकल लिस्ट हो और फिर ऐसी ही लिस्ट नॉन-जाट सीएम रहते हुए की हो, खासकर अब वाले खट्टर रिजाइम की तो उपलब्ध करवाना भाई| ताकि जरा इन महोदय की बात का सही से अवलोकन किया जा सके| खट्टर के रिजाइम में कितने ब्राह्मण-बनिए-अरोड़ा-खत्री-दलित-ओबीसी सरकार में मंत्री हैं, इसकी भी डिटेल हों तो बहुत ही बढ़िया रहे| देखें कौन कितनी जनसंख्या का होते हुए कितने पद लिए बैठा है|

सैनी महाशय आपका धन्यवाद, जो हमें ऐसे-ऐसे जिनपे हम शायद ही कभी सोचते-विचारते, पहलुओं पर हमारा ध्यान आकर्षित कर, ज्ञानवर्धन और इंटेलिजेंस डेवेलोप करने को मोटीवेट कर रहे हो| जाट भाइयो, इस इंटेलिजेंस और इनफार्मेशन गैदरिंग पे इस वक्त अपनी ऊर्जा लगाते हैं, क्योंकि इसमें ही आधे से ज्यादा तर्क मिल जायेंगे, इन जनाब को एक जगह बैठे-बैठे ही गलत साबित करने के|

अरे भाई बीजेपी वालो, यह तुम्हारा जाटों के खिलाफ खड़ा किया वाचक, किसी और का औढ़ा ले के तुमसे मंत्रिपद मांग रहा है, दे दो भाई, ताकि हरयाणा की जान छूटे इससे| संसद में ना सही तो हरयाणा विधानसभा में दे दो, वरना आज तो बिना नाम लिए "सूअर" कहा किसी को, हो सकता है कल को तुम्हारा नाम ही रख दे, कि इन बीजेपी वालों ने रोका मुझे मंत्री बनने से| सिर्फ जाटों के खिलाफ जहर उगलवाते रहे, और अंत में दिया क्या "बाबा जी का ठुल्लु"? दे दो भाई इनको एक पद दे दो| इतनी मेहनत का बेचारे को कुछ तो सिला दो|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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