Wednesday, 25 November 2015

आमिर खान की बेगम किरण राव को जाटों से सीखना चाहिए!

मैडम असली असहिषुणता देखनी और सीखनी है तो हरयाणा में आ के देखो, जहां तुम्हें मुस्लिम-बनाम-हिन्दू में तो झाँकने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी, क्योंकि यहां हिन्दू खुद अपने में ही जाट बनाम नॉन-जाट के अखाड़े सजा के जाट जाति को निशाने पे ले के दिन-रात जाटों पर अपनी असहिषुणता दिखाते रहते हैं| परन्तु जाट हैं कि ठाठी के बन्दे कभी नहीं कहते कि असहिषुणता बढ़ रही है| ना इन कुकरमुत्तों के बनाये जाट-घृणा के माहौल से खौफ खाते| क्योंकि जाट अच्छे से जानते हैं कि "ऊँट (नॉन-जाट का माहौल बनाने वाले) तो सदा रिडान्दे ही लदे और हाथी (जाट) सदा झूमते ही चले"।

ये देखो यहां हरयाणा में यह आरएसएस और बीजेपी के मनोहरलाल खट्टर, राजकुमार सैनी और रोशनलाल जैसे चमचे जाटों के खिलाफ कितना बजते हैं पर मजाल है जो यह जाटों को थोड़ा सा भी विचलित कर पाते हों|

आप घबराओ मत किरण राव मैडम, यह इनका असहिषुणता का ड्रामा और कुछ नहीं सिवाय अपने खुद के हिन्दू धर्म के अंदर इन्हीं द्वारा फैलाई गई असहिषुणता को हिन्दू-बनाम-मुस्लिम का चोगा पहना के ढांपने के|

वैसे सुना है आप तो हिन्दू ब्राह्मण हो, फिर भी इतना डर रही हो? कोई नी फिर भी ज्यादा डर लगता हो तो खुद को जाट घोषित कर लो, सुरक्षित ना सही परन्तु निडर और निर्भीक जरूर बनी रहोगी|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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