फ्रांस और अमेरिका जैसा वर्ल्ड क्लास हेल्थकेयर सिस्टम भारत में अगर
लाना है तो हमें पहले उन बाबाओं-तांत्रिकों-पाखंडियों-हाथ-कुंडली देखने
वाले जो आपकी कुंडली देख के, गृह दिशाएँ देख के, जादू-टोना करके,
तंत्र-मंत्र करके, झाड़-फूंक करके, आपके बच्चों को कुछ खिला-पिला के, या
दुश्मन पड़ोसी के घर के आगे, चौखट में या आँगन में मंत्र फूंकी हुई कील आदि
ठुकवा के हमारे स्वास्थ्य से खिलवाड़ करके कभी ऐसे इलाजों के नाम पर तो कभी
दान-दक्षिणा के नाम पर गोरख धंधा करते हैं, उनको बंद करवाना होगा।
और यह इतना आसान काम भी नहीं, क्योंकि इनके साथ ऐसे व्यापारियों का भी नेक्सस है जो इन बाबाओं-तांत्रिकों-पाखंडियों-हाथ-कुंडली देखने वालों द्वारा बताये हुए सामान को बेचते हैं। हमारे देश का कड़वा और भयावह कर देने वाला सच यही है कि हम एक ऐसे हेल्थकेयर सिस्टम से घिरे हुए हैं जो डर और लालसा दिखा के या दूसरे से आपके द्वेष/ईर्ष्या की कमजोरी का लाभ उठाकर चलाया जाता है ना कि इलाज की गारंटी अथवा निर्धारित उम्मीद जगा के।
और यही वो गहरी और गूढी जम चुकी काई है, जिसको उखाड़ने में भारत को शायद एक फ़्रांसिसी क्रांति लगे; लोगों को एक मात्र हेल्थकेयर का सही और वाजिब सिस्टम इंस्टॉल करके देने मात्र में ही।
जय यौद्धेय! - फूल कुमार
और यह इतना आसान काम भी नहीं, क्योंकि इनके साथ ऐसे व्यापारियों का भी नेक्सस है जो इन बाबाओं-तांत्रिकों-पाखंडियों-हाथ-कुंडली देखने वालों द्वारा बताये हुए सामान को बेचते हैं। हमारे देश का कड़वा और भयावह कर देने वाला सच यही है कि हम एक ऐसे हेल्थकेयर सिस्टम से घिरे हुए हैं जो डर और लालसा दिखा के या दूसरे से आपके द्वेष/ईर्ष्या की कमजोरी का लाभ उठाकर चलाया जाता है ना कि इलाज की गारंटी अथवा निर्धारित उम्मीद जगा के।
और यही वो गहरी और गूढी जम चुकी काई है, जिसको उखाड़ने में भारत को शायद एक फ़्रांसिसी क्रांति लगे; लोगों को एक मात्र हेल्थकेयर का सही और वाजिब सिस्टम इंस्टॉल करके देने मात्र में ही।
जय यौद्धेय! - फूल कुमार
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