Monday, 14 December 2015

अपना यह क्रेडिट और ख़ूबसूरती हमें याद रखना और इनको याद दिलवाए रखना होगा, वर्ना हम खुद को भुला-बिसरा बैठेंगे।

आगरा से चंडीगढ़ वाया दिल्ली, देश की सबसे बड़ी डेवलप्ड बेल्ट है, पता है क्यों? क्योंकि इसके दोनों तरफ धर्मवाद, भाषावाद और क्षेत्रवाद के मायने से सबसे सहनशील हरयाणवी मूल के लोग बसते हैं। खाप-सभ्यता के तहत सामाजिक जीवन चलता आया है। किसान और मजदूर में नौकर मालिक नहीं अपितु सीरी-साझी का रिश्ता रहा है। यहां के किसान-मजदूर ने खून-पसीने की मेहनत से इस बेल्ट के दोनों ओर की धरती को समतल बनाया है, जो कि हर उद्योगपति की पहली मूल जरूरत होती है।

हरयाणवियो, विस्थापित जातियों, मंडी और फंडी के लोग आपको इसका क्रेडिट नहीं देंगे, क्योंकि वो खुद की पीठ थपथपाना ज्यादा जरूरी समझते हैं; इसलिए आप भी अपनी पीठ थपथपाना सीख लो और कहो कि हाँ बिलकुल यह हम मूल हर्याणवियों की इन ऊपर बताई क्वालिटीज की वजह से है। अपना यह क्रेडिट और ख़ूबसूरती हमें याद रखना और इनको याद दिलवाए रखना होगा, वर्ना हम खुद को भुला-बिसरा बैठेंगे।

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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