Monday, 11 January 2016

अगर एक किलिंग और Mass किलिंग में से चुनना हो तो!

सुब्रमण्यम स्वामी जी, अगर आपकी बेटी को मुस्लिम ब्याह ले गया या उसने मुस्लिम से ब्याह किया; तो अब इसके खुंदक (गुस्से) में सारे देश को जलाओगे क्या? फिर भी जलाना ही है तो सैंकड़ों-हजारों की जगह अपनी बेटी को आग लगा दो; और हमें चैन से जीने दे| या अपने दामाद मियाँ के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटा लो|

हद है, कुम्हार की कुम्हारी पे तो पार बसावे ना जा के गधे के कान खींचें| अपनी बेटी तो समझा-बुझा के वापिस लाई नहीं जाती, देश को डंडा दिए हुए है खाम्खा!

देश-विदेश और जनता इतनी बावली-बूच ना है कि जो आपके घाघपने को ना समझे और यह ना देखे कि किसी धर्म से कौन कितनी नफरत कर सकता है के आधार पर लोगों को राष्ट्रवादिता और देशभक्ति के सर्टिफिकेट बांटने वाले, खुद उसी धर्म में अपनी बेटी दिए हुए घूमते हैं|

विशेष: मैं व्यक्तिगत स्तर पर किसी भी प्रकार की किलिंग के विरुद्ध हूँ, फिर वो Mass Killing हो या एक किलिंग| लेकिन अगर एक किलिंग और Mass किलिंग में से चुनना हो तो वाजिब है कि उस एक को मार के Mass को बचाओ| इसलिए अगर आपका गुस्सा अपनी बेटी से है, तो भाई हजारों-सैंकड़ों जाने खत्म करवाने की बजाये यही ज्यादा अच्छा है कि आप उसकी ही जान ले लें और देश का पिंड छोड़ दें| 

फूल मलिक

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