Sunday, 7 February 2016

वाह! अपनी माँ उर्फ़ गौमाता को तथाकथित गौ-रक्षक ही अब विदेशियों को काट के परोसेंगे!

क्या बेखळखाना है ये?

खटटर (आरएसएस ब्रांड का टॉप प्रोडक्ट) द्वारा यह जो विदेशियों के लिए बीफ खाने की स्पेशल क्लॉज़ लाई गई है, इसके तहत गायें हरयाणा में ही कत्ल की जाएँगी या बाहर? उन विदेशियों को परोसने वाले भी उनके साथ बैठ के खाएंगे या नहीं? अब कौन कच्छाधारी जायेगा विदेशियों को बीफ की पार्टियां देने वालों की खुद की प्लेटें चेक करने कि वो सिर्फ परोस रहे हैं या खुद भी गौमांस के चटखारे ले रहे हैं?

अरे छोड़ो जी छोड़ो, कच्छाधारियों की देशभक्ति, राष्ट्रभक्ति और गौमाता के प्रति इनका प्यार, 'गरीब की बहु सबकी भाभी' वाला मामला है; यह गली-सड़कों में गायों को ले जाते ट्रकों-छकड़ों तक को आग लगा सकते हैं बस, इन वेरी-वेरी आईपियों (VVIPs) की प्लेटें थाली चेक कर सकें, जहां इन वीआईपियों के लिए गायें कटेंगी, उन फैक्टरियों को आग लगा सकें, इतनी औकात नहीं इनकी|

इसीलिए तो कहता हूँ कि जो धर्म समानता से लागू नहीं किया जाता हो वो धर्म नहीं हुआ, कोरी राजनीति होती है राजनीति और ऐसे ही गाय एक राजनीति से ज्यादा कुछ नहीं, यह बीजेपी वालों ने खुद ही खुल के दिखा दिया| क्या जब यह विदेशियों को परोसने के लिए गायें काटेंगे, इनके हृदय नहीं जलेंगे? मनों में कचोटेँ नहीं काटेंगी? काटें तो तब ना जब सनातन कोई धर्म हो, कोरी राजनीति जो ठहरी| जो इस तथ्य को जितना जल्दी पकड़ गया समझो इनकी सोच से पार पा गया|

इसलिए तो इन छद्म राष्ट्रवादियों से तनिक भी प्रभावित नहीं हूँ| सारी दुनियां के भांड मरे होंगे, तब जाकर यह गाय को माँ कहने वाले, विदेशियों के आगे अपनी उसी माँ को काट के परोसने वाले पैदा हुए होंगे| अरे यह तो ठहरी गायमाता, इन्होनें तो अपनी खुद की माता तक का फरसे से गला रेत दिया था; फिर कौनसी काऊ और किसकी माता| कसम से वो मूल-हरयाणवी की औलाद नहीं जो अबकी बार इनमें से कोई गाय पे लेक्चर झाड़ने आवे और उसका मुंह थोब के वापिस ना खंदावे|

अंत में यही कहूँगा कि हे हरयाणवियों गौभक्त बनों तो हरफूल जाट जुलानी वाले जैसे बनों, जिसने ट्रक-छकड़े नहीं सीधे गौ वध की फैक्ट्रियां और हत्थे फूंक और तोड़ डाले थे; वर्ना क्यों अपनी वीरता और शौर्य पर दाग लगवाते हो कि जो एक तरफ तो गाय बचाने के नकली नारे उठाने वालों के बहकावों में टूलते हो और दूसरी तरफ खुद ही विदेशियों को गाय काट के खिलाने के दोषी बनते हो?

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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