Friday, 12 February 2016

इंसान को अछूत और गुलाम किया है, कैसा ये कर्म है, कैसा ये धर्म है!

मैं इस वीडियो को इसलिए साझा कर रहा हूँ ताकि जैसे दलित आज भी बाबा आंबेडकर और महात्मा फुले को अपना प्रेरणा स्त्रोत, दलित उत्थान और प्रगति की मंजिल ले के चल रहे हैं; वैसे ही किसान-जमींदार वर्ग भी सर छोटूराम और चौधरी चरण सिंह को ना भूलें|

हालाँकि मैं अब अपेक्षा करने लगा हूँ कि दलित संगठनों को सर छोटूराम को भी बाबा आंबेडकर और महात्मा फुले के साथ रखना बनता है क्योंकि उन्होंने जितने कार्य और कानून किसानों के लिए बनवाए, उतने ही दलितों के लिए भी बनवाए| यहां तक कि सर छोटूराम जी के नाम के साथ जो "दीनबंधु" सम्मान लगा हुआ है वह दलितों ने ही उनको उनके हितों के कार्य करने के सम्मान स्वरूप दिया था|

यूनियनिस्ट मिशन इस बात पर कार्य कर रहा है और काफी दलित संगठनों में अब सर छोटूराम जी का नाम भी बाबा आंबेडकर और महात्मा फुले के साथ लिया जाने लगा है, परन्तु अभी इस वीडियो जैसे कार्यक्रमों और गानों में इनका नाम आना बाकी रहता है|

मेरे लिए यह होना इसलिए अत्यंत आवश्यक है ताकि जब मंडी-फंडी जाटों को दलितों का दुश्मन बतावे तो दलित भाई याद रखें कि सर छोटूराम और चौधरी चरण सिंह जैसे ऐसे जाट देवता भी हुए हैं जिन्होनें जितने किसानों के कार्य किये, उतने ही दलितों के भी किये| इसलिए जाट उनके दुश्मन कैसे हो सकते हैं| अपितु उनके असली दुश्मन तो यह मंडी-फंडी ही हैं जो जाट को ढाल की भांति इस्तेमाल करके दलितों के आगे अड़ा देते हैं और खुद असली दुश्मन होते हुए साफ़-सुथरे बन जाते हैं|

सुनिए बहन शीतल साठे के इन धरातलीय सच्चाई को उधेड़ते स्वरों को - https://www.youtube.com/watch?v=CgDC2tFr3oM

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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