वाह! राजकुमार सैनी OBC-B की जनसंख्या तो सिर्फ 6.5 के करीब और आरक्षण लिए
बैठे हो 11% यानि अपनी जनसंख्या का लगभग दोगुना, जबकि OBC-A की जनसंख्या
करीब 35% और उनको आरक्षण सिर्फ 16%; यह कैसी दिग्भर्मित करने वाली आवाज है
आपकी OBC के अधिकारों को बचाने की आवाज उठाने के बहाने के पीछे? कि OBC-A
का इस पर ध्यान ही ना जावे कि OBC-B जनसख्या का दोगुना आरक्षण ले रहे हैं?
जैसा कि हम सबको विदित होगा कि गुजरात में अभी हाल ही में ऐसा प्रावधान किया गया है कि आरक्षित वर्ग वाले सामान्य वर्ग में जॉब अप्लाई नहीं कर सकते| तो यह तो अपने आपमें ही जनरल का आरक्षण करने वाली बात हो गई ना, क्योंकि आरक्षित उसमें अप्लाई करेंगे नहीं तो सारा किसके खाते, जनरल के? क्या नायाब तरीका है गुजरात सरकार का जनरल को आरक्षण देने का! और अब कुछ-कुछ ऐसा ही हरयाणा बारे भी किये जाने की सुगबुगाहटें आ रही हैं|
तमाम जाट आरक्षण समितियों, संगठनों और खापों से अनुरोध है कि इस पर कड़ी निगरानी रखें|
आईये! आपको हरयाणा में आरक्षण समूहों की जनसंख्या व् इनको मिले आरक्षण के अनुपात बारे बताते चलें:
1) SC/ST जनसंख्या 18-19% के करीब, जबकि इनका आरक्षण 20%
2) OBC- B केटेगरी जनसंख्या (सैनी-यादव आदि 5 जातियां) 6.5% के करीब, जबकि इनका आरक्षण 11%
3) OBC-A केटेगरी जनसंख्या (धोबी-नाई-कुम्हार-लुहार-खाती इत्यादि 71 जातियां) 24-25% के करीब, जबकि इनका आरक्षण सिर्फ 16%
4) EWS केटेगरी जनसंख्या (ब्राह्मण-बनिया-अरोड़ा/खत्री-राजपूत) 15-16% के करीब, जबकि इनका आरक्षण 10%
और जो हरयाणा में आरक्षण से फ़िलहाल बाहर हैं और जिनको आरक्षण देने की कवायद चल रही है यानि जाट-जाट सिख -बिश्नोई-रोड-त्यागी की जनसंख्या 35% के करीब और आरक्षण देने की तैयारी है सिर्फ 10% OBC-C में मिले या SBC में उसपे मंथन चल रहा है|
तो ऐसे में सबसे घाटे में तो अब भी यह आखिरी वाला समूह ही रहने वाला है| और इसपे सुगबुगाहट यह भी कि इनको 10% में बाँध के जनरल में लड़ने से बाधित कर दिया जायेगा?
माननीय खटटर सरकार से अपील है कि 'दूध का दूध और पानी का पानी' की तर्ज पर सही न्याय करें, ताकि अब इसके बाद हरयाणा राज्य को इस मुद्दे पर फिर से कोई जनांदोलन जैसा विरोधाभास ना देखना पड़े|
वैसे राजकुमार सैनी की तो पोल खुल के सामने आ गई| मैं भी कहूँ कि हरयाणा के यादव, लालू यादव की 'जनसंख्या के अनुपात' में आरक्षण; यहां तक कि यूनियनिस्ट मिशन की बार-बार उठाई गई "जाटों ने बांधी गांठ, पिछड़ा मांगे सौ में साठ" की बात पे उनका समर्थन देने की बजाये चुप्पी क्यों खींचे हुए हैं| ओहो! तो जब यह वर्ग पहले से ही हरयाणा में जनसंख्या का लगभग दोगुना आरक्षण लिए जा रहे हैं तो क्यों बोलेंगे| OBC-A भी कृपया सैनी से सावधान, उसको पूरे OBC से कोई मतलब नहीं है, वो सिर्फ यह OBC-B के जनसंख्या से डबल आरक्षण को बचाने के चक्कर में पूरी OBC का मोर बनाये हुए है, बस|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
जैसा कि हम सबको विदित होगा कि गुजरात में अभी हाल ही में ऐसा प्रावधान किया गया है कि आरक्षित वर्ग वाले सामान्य वर्ग में जॉब अप्लाई नहीं कर सकते| तो यह तो अपने आपमें ही जनरल का आरक्षण करने वाली बात हो गई ना, क्योंकि आरक्षित उसमें अप्लाई करेंगे नहीं तो सारा किसके खाते, जनरल के? क्या नायाब तरीका है गुजरात सरकार का जनरल को आरक्षण देने का! और अब कुछ-कुछ ऐसा ही हरयाणा बारे भी किये जाने की सुगबुगाहटें आ रही हैं|
तमाम जाट आरक्षण समितियों, संगठनों और खापों से अनुरोध है कि इस पर कड़ी निगरानी रखें|
आईये! आपको हरयाणा में आरक्षण समूहों की जनसंख्या व् इनको मिले आरक्षण के अनुपात बारे बताते चलें:
1) SC/ST जनसंख्या 18-19% के करीब, जबकि इनका आरक्षण 20%
2) OBC- B केटेगरी जनसंख्या (सैनी-यादव आदि 5 जातियां) 6.5% के करीब, जबकि इनका आरक्षण 11%
3) OBC-A केटेगरी जनसंख्या (धोबी-नाई-कुम्हार-लुहार-खाती इत्यादि 71 जातियां) 24-25% के करीब, जबकि इनका आरक्षण सिर्फ 16%
4) EWS केटेगरी जनसंख्या (ब्राह्मण-बनिया-अरोड़ा/खत्री-राजपूत) 15-16% के करीब, जबकि इनका आरक्षण 10%
और जो हरयाणा में आरक्षण से फ़िलहाल बाहर हैं और जिनको आरक्षण देने की कवायद चल रही है यानि जाट-जाट सिख -बिश्नोई-रोड-त्यागी की जनसंख्या 35% के करीब और आरक्षण देने की तैयारी है सिर्फ 10% OBC-C में मिले या SBC में उसपे मंथन चल रहा है|
तो ऐसे में सबसे घाटे में तो अब भी यह आखिरी वाला समूह ही रहने वाला है| और इसपे सुगबुगाहट यह भी कि इनको 10% में बाँध के जनरल में लड़ने से बाधित कर दिया जायेगा?
माननीय खटटर सरकार से अपील है कि 'दूध का दूध और पानी का पानी' की तर्ज पर सही न्याय करें, ताकि अब इसके बाद हरयाणा राज्य को इस मुद्दे पर फिर से कोई जनांदोलन जैसा विरोधाभास ना देखना पड़े|
वैसे राजकुमार सैनी की तो पोल खुल के सामने आ गई| मैं भी कहूँ कि हरयाणा के यादव, लालू यादव की 'जनसंख्या के अनुपात' में आरक्षण; यहां तक कि यूनियनिस्ट मिशन की बार-बार उठाई गई "जाटों ने बांधी गांठ, पिछड़ा मांगे सौ में साठ" की बात पे उनका समर्थन देने की बजाये चुप्पी क्यों खींचे हुए हैं| ओहो! तो जब यह वर्ग पहले से ही हरयाणा में जनसंख्या का लगभग दोगुना आरक्षण लिए जा रहे हैं तो क्यों बोलेंगे| OBC-A भी कृपया सैनी से सावधान, उसको पूरे OBC से कोई मतलब नहीं है, वो सिर्फ यह OBC-B के जनसंख्या से डबल आरक्षण को बचाने के चक्कर में पूरी OBC का मोर बनाये हुए है, बस|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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