Wednesday, 16 March 2016

राजकुमार सैनी की 'बेताल पैंतिसी' की जमीन खिसकती जा रही है!

जाट आंदोलन के दौरान बहन मायावती जी द्वारा जाट आरक्षण को समर्थन देने के बाद कई लोग अटकलें लगा रहे थे कि राजनैतिक स्टंट है| परन्तु अब इस पर विराम लगाते हुए बहुजन समाज के सबसे बड़े सामाजिक व् गैर-राजनैतिक संगठन 'बामसेफ' की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 'बामसेफ' के अध्यक्ष माननीय वामन मेश्राम व् कई खापों और जाट संगठनों के बीच कल गुड़गांव में बैठक हुई| और इसमें यह निर्णय लिए गए:

1) जाट आरक्षण आन्दोलन को बामसेफ हर तरह से समर्थन करता है और अपने जाट भाईयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर स्तर पर साथ है।

2) इसके लिए चाहे धरातल पर आन्दोलन को समर्थन देना हो व साथ धरने पर बैठना हो, या इस दमनकारी सरकार की दमन की आवाज के विरुद्ध लड़ना हो, या निर्दोषों पर दर्ज झूठे मुकदमें वापिस लेने हेतु आंदोलन करना हो, 'बामसेफ' हर मोर्चे पर जाट-समाज के साथ खड़ा होगा|

3) जाट-दलित-मुस्लिम गठजोड़ का संदेश बामसेफ व् खापें अपने कैडर व् नेटवर्क के जरिये पूरे हरयाणा में फैलाएंगे|

रै भाई रलदू, राजकुमार सैनी से जरा पता करवा कि पैंतीस में से कितने रह गए? जबरजसत और मुस्लिम के बाद अब बसपा और बामसेफ जाट के साथ आ चुके हैं| और सुना है कि ओबीसी- ए श्रेणी की भी बहुत सारी जातियां राजकुमार सैनी व् ट्रैंड कबूतरों के पैंतीस बनाम एक वाले फार्मूला से सहमत नहीं हैं| आशा है कि वो भी जल्द ही इन समाज को कभी धर्म तो कभी जाति के नाम पे तोड़ने वालों का साथ छोड़ जाट समाज से आन मिलें|

राजकुमार सैनी साहब, पूरा इतिहास उठा के देख लो जाटों ने सदियों से भाईचारे को एक माँ की भांति पाला है और कोई माँ अपने बच्चों को गोदी से ऐसे छीन ले जाने देगी क्या, जैसे आप उतारू हुए फिर रहे हो? अब भी वक्त है सम्भल जाओ वर्ना कहीं ऐसा ना हो कि पैंतीस के चक्कर में आखिरी दिन अकेले ही रह जाओ|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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