Saturday, 25 June 2016

आर.एस.एस. चला सर छोटूराम और चौधरी चरण सिंह की राजनीति की राह!

बस फर्क सिर्फ इतना है कि सर छोटूराम और चौधरी चरण सिंह वाकई में नेकदिल से धर्मनिरपेक्ष राजनीति करते थे, जबकि आरएसएस छुपे और दोहरे मुखौटे के साथ करती है| और इसका प्रमाण है दैनिक जागरण में छपी (देखें स्लंगीत कटाई) यह खबर जो कहती कि आर.एस.एस. आने वाली ईद पर मुस्लिमों के लिए 'इफ्तार पार्टी' करेगी|

तो भोलेभाले लोगो, यूनियनिस्ट मिशन और सर छोटूराम को कोसना और हम पर भड़कना छोड़ो; क्योंकि अब तो आपका आर.एस.एस. भी यूनियनिस्ट मिशन की राह पर ही चल के दिखा रहा है| परन्तु सावधान इनका चलना ठीक इस कहावत जैसा है कि "बगल में छुर्री, मुंह में राम-राम!" और युनियनिस्टों वाला चलना इतना गाढ़ा और नेकनीयत का है कि अंधभक्त हमें "पाकिस्तानी", "देशद्रोही", "समाज को तोड़ने वाले", "हिन्दू धर्म के दुश्मन" आदि-आदि बड़बड़ाने लग जाएँ|

आज मैं बहुत खुश हूँ यह जानकर कि अल्टीमेट राजनीति और भाईचारा तो सर छोटूराम और चौधरी चरण सिंह की विचारधारा ही रही है; और इसी पथ पर हम युनियनिस्ट अग्रसर हैं| आशा करता हूँ कि मेरे उन पत्रकार मित्रों को भी आज इस खबर से जवाब मिल गया होगा, जो मुझे अक्सर कहते-पूछते थे कि भाई सर छोटूराम तो एक सदी पहले हो के जा चुके, आज उनकी क्या व्यवहारिकता?

मुझे गर्व है कि मैं ऐसे पुण्यात्माओं, हुतात्माओं और राजनैतिक पुरोधाओं की पीढ़ियों में पैदा हुआ हूँ कि जिनकी राजनीति की राह को समाज में सबसे विभष्त व् विघटनकारी राजनीति करने वालों को भी "वक्त पड़े पे गधे को भी बाप बनाने वाली" तर्ज पर चलते हुए अंगीकार करना पड़ता है; "बेपैंदी के लौटों" की तरह डावांडोल होते हुए सर छोटूराम की राजनीति को सजदा करना पड़ता है|

धन्य है यूनियनिस्ट मिशन, कि उसकी अंकुरित अवस्था के तेज ने ही इनको इतना चौंधा दिया; जिस दिन वयस्क रूप में आएंगे उस दिन तो भारत में तारीख ही नई लिखी जाएगी|

विशेष: सर छोटूराम से होते हुए सरदार प्रताप सिंह कैरों के आगे चौधरी चरण सिंह से चलते हुए इस राजीनति की बैटन को ताऊ देवीलाल और उनके बाद बाबा महेंद्र सिंह टिकैत ने पोषित कर आगे बढ़ाया और अब यूनियनिस्ट इसको आगे बढ़ाएंगे| आज इस खबर को पढ़ के हर यूनियनिस्ट का हौंसला बुलंद होना चाहिए!

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

 

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