Degradation:
जब तुम कहोगे कि राम को समुन्दर पर पुल बनवाने की क्या जरूरत थी, हनुमान अपना शरीर बढ़ा के उस पर लेट जाते; बन जाता पुल; तो वो कहेंगे कि भगवान् के जरिये एक साधारण आदमी की जिंदगी को चरितार्थ करने हेतु यह सब लिखा गया (ध्यान देना लिखा गया बोल के यह अपनी पोल खुद ही खोल जाते हैं कि यह वाकई में माइथोलॉजी यानी काल्पनिकता की रचनाएँ हैं)।
जब तुम कहोगे कि कृष्ण को अर्जुन का सारथी बनने की क्या जरूरत थी, कौरव सेना को अपने सुदर्शन चक्र से एक ही वार में खत्म कर सकते थे, तो भी यह भगवान् के जरिये एक साधारण आदमी की जिंदगी को चरितार्थ करने का तर्क आगे रखेंगे|
Upgradation:
परन्तु जब मैं कहूंगा कि उस साधारण आदमी यानी कृष्ण जी की भांति ही एक आप पार्टी का दलित नेता रासलीला रचा लेता है तो यह यकायक ही कृष्ण और राम का स्टेटस अपग्रेड कर देते हैं कि नहीं-नहीं वो तो भगवान् थे, कुछ भी कर सकते थे; सन्दीप की क्या तुलना उनसे?
भगवान ना हो गया इनके बाब्बू की फैक्ट्री का प्रोडक्ट हो गया|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
जब तुम कहोगे कि राम को समुन्दर पर पुल बनवाने की क्या जरूरत थी, हनुमान अपना शरीर बढ़ा के उस पर लेट जाते; बन जाता पुल; तो वो कहेंगे कि भगवान् के जरिये एक साधारण आदमी की जिंदगी को चरितार्थ करने हेतु यह सब लिखा गया (ध्यान देना लिखा गया बोल के यह अपनी पोल खुद ही खोल जाते हैं कि यह वाकई में माइथोलॉजी यानी काल्पनिकता की रचनाएँ हैं)।
जब तुम कहोगे कि कृष्ण को अर्जुन का सारथी बनने की क्या जरूरत थी, कौरव सेना को अपने सुदर्शन चक्र से एक ही वार में खत्म कर सकते थे, तो भी यह भगवान् के जरिये एक साधारण आदमी की जिंदगी को चरितार्थ करने का तर्क आगे रखेंगे|
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परन्तु जब मैं कहूंगा कि उस साधारण आदमी यानी कृष्ण जी की भांति ही एक आप पार्टी का दलित नेता रासलीला रचा लेता है तो यह यकायक ही कृष्ण और राम का स्टेटस अपग्रेड कर देते हैं कि नहीं-नहीं वो तो भगवान् थे, कुछ भी कर सकते थे; सन्दीप की क्या तुलना उनसे?
भगवान ना हो गया इनके बाब्बू की फैक्ट्री का प्रोडक्ट हो गया|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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