Monday, 17 February 2020

आस्था और श्रद्धा!


आस्था और श्रद्धा - यार इन्नें ब्याह-ठयाह दयो, जिसके पल्ले की सें उन गेल खन्दा दयो| ये तो समाज के इहसी चिपका दी फंडियाँ नैं, ज्यूँ बाप कै कुँवारी कोलै लाग री हो| कर दो इनको विदा, जितना जल्दी हो सकता हो| भतेरी सुवासण हो ली और के कुँवार-कोठड़े चिनवाओगे इनके? इतने पक्के सबूत तो ऑफिसियल गजटियर से ले आर्कियोलॉजिकल फैक्ट्स तक मानने छोड़ दिए लोगों ने, जितना इनका नाम ले फैलाई-परोसी चीज नैं चिपकाएं हाँडै सै दुनिया| जमा जाम बना दिए लोग बुद्धि-सोधी दोनों से|

जय यौद्धेय! - फूल मलिक

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