गाय के मूत और गोबर के नाम पर फंडी, भक्तों को चिपका रहे
भैंसों का मूत व् गोबर| इस पर सारा भैंस महकमा भक्तों से नाराज| आपत्ति
दर्ज करवाई कि जिस दिन हमें सर्वाइव करने के लिए फंडियों के हाथों हमारे
मूत-गोबर का सहारा लेना पड़ेगा, उस दिन तो हम हमारे झोटे पतिदेव को बोल के
सबकी यमलोक में एंट्री बैन करवा देंगी| अपनी पत्नियों/डब्बनों (भैंस) के
मुंह से अपने लिए इतना भरोसा सुन के ठाणों में बंधे से ले गामी झोटों तक ने करी खुरी काटनी शुरू|
उधर म्हारे वाला झोटा मुझसे बोला कि "यमराज के भी फूफा मेरे मालिक महाराज" थारी आज्ञा हो तो मैं यमलोक में यमराज को यह अल्टीमेटम दे आऊं म्हारी पत्नी/डब्बनों का? वैसे तो यमराज की औकात नहीं कि मुझे आपके यहाँ से खोल के ले जाए; हर बार लठ दे के चलदा कर दो हो यमराज को| मैंने कहा कोई नी वीरे चला जा| और ऐसे सारे झोटे यमलोक के दरवाजे आगे इकठ्ठे होने शुरू हुए और यमराज की चौखट पर यूँ टक्कर मारनी शुरू करी जैसे हीट आई भैंस के लिए झोटा, उसके नोहरे-दरवाजे-हवेलियों के गेट्स को मार-मार खैड़ उनके चूले तोड़ दिया करते हैं, ऐसे यमराज को दिखाए जबरदस्त हूड|| इससे यमराज घबरा गया है| और किसी भी अंधभक्त या फंडी की यमलोक में एंट्री बंद करने हेतु यथाशीघ्र मीटिंग बुलाई है|
इस गहन आपत्ति के पीछे भैंसों ने तर्क दिया है कि मूत और गोबर तो हम अपने काटडे-काटडियों को ही नहीं पिलाते-खिलाते| हमारी अपनी भी एक सोशल ब्रांड है, जिम्मेदारी है| हरयाणवियों के लिए तो खासकर हम "ब्लैक-गोल्ड" कहलाती हैं| हरयाणवी इतना नाम तो "काली कलकत्ते वाली का नहीं लेते" जितना हमारा जयकारा यह कहते हुए करते हैं कि, "जय माँ काली हरयाणे वाली, दूध के बालट्ट भरने वाली"| हमारे दूध से ही जब ओलिंपिक मेडल्स लाने वाले पहलवान व् देश की सीमा पर दुश्मन की तोपों आगे छाती अड़ा देने वाले बहादुर बनते हैं तो हमें क्या पड़ी जो फंडियों को गाय के नाम पर हमारा घूं-मूत लोगों को पिलाने देंगी|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
उधर म्हारे वाला झोटा मुझसे बोला कि "यमराज के भी फूफा मेरे मालिक महाराज" थारी आज्ञा हो तो मैं यमलोक में यमराज को यह अल्टीमेटम दे आऊं म्हारी पत्नी/डब्बनों का? वैसे तो यमराज की औकात नहीं कि मुझे आपके यहाँ से खोल के ले जाए; हर बार लठ दे के चलदा कर दो हो यमराज को| मैंने कहा कोई नी वीरे चला जा| और ऐसे सारे झोटे यमलोक के दरवाजे आगे इकठ्ठे होने शुरू हुए और यमराज की चौखट पर यूँ टक्कर मारनी शुरू करी जैसे हीट आई भैंस के लिए झोटा, उसके नोहरे-दरवाजे-हवेलियों के गेट्स को मार-मार खैड़ उनके चूले तोड़ दिया करते हैं, ऐसे यमराज को दिखाए जबरदस्त हूड|| इससे यमराज घबरा गया है| और किसी भी अंधभक्त या फंडी की यमलोक में एंट्री बंद करने हेतु यथाशीघ्र मीटिंग बुलाई है|
इस गहन आपत्ति के पीछे भैंसों ने तर्क दिया है कि मूत और गोबर तो हम अपने काटडे-काटडियों को ही नहीं पिलाते-खिलाते| हमारी अपनी भी एक सोशल ब्रांड है, जिम्मेदारी है| हरयाणवियों के लिए तो खासकर हम "ब्लैक-गोल्ड" कहलाती हैं| हरयाणवी इतना नाम तो "काली कलकत्ते वाली का नहीं लेते" जितना हमारा जयकारा यह कहते हुए करते हैं कि, "जय माँ काली हरयाणे वाली, दूध के बालट्ट भरने वाली"| हमारे दूध से ही जब ओलिंपिक मेडल्स लाने वाले पहलवान व् देश की सीमा पर दुश्मन की तोपों आगे छाती अड़ा देने वाले बहादुर बनते हैं तो हमें क्या पड़ी जो फंडियों को गाय के नाम पर हमारा घूं-मूत लोगों को पिलाने देंगी|
जय यौद्धेय! - फूल मलिक
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